भारत को ‘अपराध बोध के आंसुओं’ की जरूरत नहीं: कांग्रेस

By भाषा | Updated: May 21, 2021 21:27 IST2021-05-21T21:27:21+5:302021-05-21T21:27:21+5:30

India does not need 'tears of guilt': Congress | भारत को ‘अपराध बोध के आंसुओं’ की जरूरत नहीं: कांग्रेस

भारत को ‘अपराध बोध के आंसुओं’ की जरूरत नहीं: कांग्रेस

नयी दिल्ली, 21 मई कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुक्रवार को भावुक होने को लेकर उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश को ‘अपराध बोध के इन आसुओं’ की जरूरत नहीं है, बल्कि करुणा दिखाने और मरहम लगाने की जरूरत है।

विपक्षी पार्टी ने यह दावा किया कि अगर प्रधानमंत्री और केंद्र समय रहते कदम उठाते तो देश के लाखों लोगों के आंसुओं को रोका जा सकता था और बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई जा सकती थी।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘भारत को अपराध बोध के आंसुओं की जरूरत नहीं है। भारत को करुणा और मरहम लगाने की जरूरत है। भारत को कोविड को हराने के लिए संकल्प लेने की जरूरत है। भारत के लिए जरूरी है कि शासन और काम हो।’’

पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज अपराध बोध में प्रधानमंत्री ने आंखे नम कर दीं। जिन करोड़ों लोगों को खून के आंसू रोने पड़े क्या उनके आंसू धूल जाएंगे? क्या लोगों के नुकसान की भरपाई हो सकेगी? क्या यह देश भूल जाएगा कि सरकार की ओर से समय से पहले अपनी पीठ थपथपाई जा रही थी? जो आज अपराधबोध दिखा रहे हैं, उन्हें नींद कैसे आती है?’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘यह देश प्रधानमंत्री से बड़ा है। प्रधानमंत्री के आंसूओं से महत्वपूर्ण इस देश के नागरिकों के आंसू हैं। पहले कदम उठाए जाते तो लोगों के आंसू रोके जा सकते थे, लोगों की जानें बचाई जा सकती है।’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात अन्य कर्मियों से संवाद करने के बाद अपने संबोधन के दौरान एक बार भावुक भी हो गए। यह दृश्य तब देखने का मिला जब वह रूंधे गले से कोविड महामारी से जान गंवाने वाले काशी के लोगों को श्रद्धांजलि दे रहे थे।

उन्होंने कोरोना मरीजों के द्वार तक चिकित्सा सेवा पहुंचाने की आवश्यकता पर बल देते हुए शुक्रवार को ‘‘जहां बीमार, वहीं उपचार’’ का नया नारा दिया और कहा कि ‘‘ब्लैक फंगस’’ कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में नयी चुनौती है तथा इससे निपटने के लिए आवश्यक सावधानी और व्यवस्था पर ध्यान देना जरूरी है।

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