भारत, डेनमार्क हरित रणनीतिक साझेदारी के क्रियान्वयन के लिए पांच साल की संयुक्त कार्य योजना पर सहमत

By भाषा | Updated: October 9, 2021 23:20 IST2021-10-09T23:20:06+5:302021-10-09T23:20:06+5:30

India, Denmark agree on a five-year joint action plan for the implementation of the Green Strategic Partnership | भारत, डेनमार्क हरित रणनीतिक साझेदारी के क्रियान्वयन के लिए पांच साल की संयुक्त कार्य योजना पर सहमत

भारत, डेनमार्क हरित रणनीतिक साझेदारी के क्रियान्वयन के लिए पांच साल की संयुक्त कार्य योजना पर सहमत

नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर भारत और डेनमार्क अपनी महत्वाकांक्षी ‘हरित रणनीतिक साझेदारी’ के क्रियान्वयन के लिए पांच साल की एक संयुक्त कार्य योजना पर शनिवार को सहमत हुए तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डेनमार्क की उनकी समकक्ष मेटे फ्रेडरिक्सन के बीच लंबी वार्ता के बाद हरित प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने के लिए चार समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये।

वार्ता में, भारत ने 1995 में पुरूलिया में हथियार गिराये जाने के मामले के मुख्य आरोपी किम डेवी के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया और यह सहमति बनी कि इस विषय में कानूनी प्रकिया को अवश्य आगे बढ़ना चाहिए।

विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) रीनत संधू ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘यह मुद्दा उठाया गया और हमारे बीच यह सहमति बनी कि कानूनी प्रक्रिया को अवश्य आगे बढ़ना चाहिए तथा दोनों देश इस पर काम कर रहे हैं।’’

कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करने के अलावा दोनों प्रधानमंत्रियों ने अफगानिस्तान में स्थिति सहित समकालीन क्षेत्रीय एवं वैश्विक घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया और अफगान लोगों को समर्थन जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

संधू ने कहा कि दोनों पक्षों ने समावेशिता, आतंकवाद रोधी गारंटी और अफगानिस्तान में मानवाधिकारों के सम्मान का पर जोर दिया तथा डेनिश प्रतिनिधिमंडल ने देश (अफगानिस्तान) में स्थिति और वहां से पनप सकने वाले आतंकवाद के खतरे के बारे में भारत की चिंताओं पर सहमति जताई।

उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों का मानना है कि वैश्विक समुदाय को अफगानिस्तान के प्रति एक सामूहिक रुख रखना चाहिए।

संधू ने कहा कि दोनों पक्ष पिछले साल अंतिम रूप से दी गई ‘‘हरित रणनीतिक साझेदारी’’ के क्रियान्वन को लेकर 2021 से 2026 तक के लिए एक संयुक्त कार्य योजना पर सहमत हुए।

हरित साझेदारी को दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच एक वर्चुअल बैठक में अंतिम रूप दिया गया था। इसका उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण, अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग को विस्तारित करने के लिए एक ढांचा बनाना है।

वार्ता के बाद मोदी ने एक प्रेस बयान में कहा, ‘‘एक साल पहले, हमारी वर्चुअल बैठक में हमने भारत और डेनमार्क के बीच हरित रणनीतिक साझेदारी स्थापित करने के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया था। यह दोनों देशों की दूरदृष्टि और पर्यावरण के लिए सम्मान को प्रदर्शित करता है।’’

उन्होंने कहा कि यह साझेदारी इस बात का उदाहरण है कि किस तरह से सामूहिक प्रयास और प्रौद्योगिकी के जरिए पर्यावरण का संरक्षण करते हुए हरित विकास के लिए काम किया जा सकता है।

मोदी ने कहा, ‘‘आज हमने न सिर्फ इस साझेदारी के तहत की गई प्रगति की समीक्षा की, बल्कि निकट भविष्य में जलवायु परिवर्तन पर सहयोग बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई। इस संदर्भ में यह बड़ी खुशी की बात है कि डेनमार्क अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का सदस्य बना है। इसने हमारे सहयोग को एक नया आयाम दिया है।’’

फ्रेडरिक्सन ने अपने संबोधन में हरित प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए मोदी की सराहना की और उन्हें ‘‘विश्व के लिए प्रेरणा’’ करार दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे गर्व है कि जब बहुत महत्वाकांक्षी लक्ष्य होते हैं तो डेनमार्क के समाधान प्रमुख भमिका निभाते हैं और मेरा मानना है कि आप बाकी दुनिया के लिए प्रेरणा हैं। जब 10 लाख परिवारों के लिए स्वच्छ पानी और पवन ऊर्जा सहित नवीकरणीय ऊर्जा की बात होती है तो आपने कई महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किए हैं।’’

दोनो पक्षों ने स्मार्ट जल संसाधन प्रबंधन और कृषि में सहयोग तेजी से बढ़ाने पर सहमत होने के अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र मे भी एक नयी साझेदारी का फैसला किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमने एक नयी साझेदारी की शुरुआत की है। भारत में कृषि उत्पादकता और किसानों की आय बढ़ाने के लिए, कृषि सम्बंधित प्रौद्योगिकी में भी हमने सहयोग करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत, खाद्य सुरक्षा, कोल्ड चेन, खाद्य प्रसंस्करण, खाद, मत्स्य जैसे क्षेत्रों की प्रौद्योगिकी पर काम किया जायेगा।’’

उन्होंने वार्ता को उपयोगी करार देते हुए कहा, ‘‘हम स्मार्ट जल संसाधन प्रबंधन, ‘अपशिष्ट से सर्वश्रेष्ठ, और सक्षम आपूर्ति श्रृंखला जैसे क्षेत्रों में सहयोग करेंगे।’’

दोनों पक्षों ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन और कौशल विकास के क्षेत्रों में भी चार समझौते किए।

फ्रेडरिक्सन आज सुबह भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर नयी दिल्ली पहुंचीं जहां विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने उनकी आगवानी की ।

फ्रेडरिक्सन ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता से पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने फ्रेडरिक्सन से भेंट की।

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘भारत की पहली यात्रा पर डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन का स्वागत है।’’

फ्रेडरिक्सन, 9 से 11 अक्टूबर तक भारत की यात्रा पर आई हैं।

दोनों पक्षों के बीच तीन वाणिज्यिक समझौतों की भी घोषणा की गई, जिनमें हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर विकसित करने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज और स्टीस्डल फ्यूल टेक्नोलॉजी के बीच एक समझौता ज्ञापन भी शामिल है।

मोदी के साथ वार्ता के बाद डेनिश प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात की।

भारत और डेनमार्क के बीच मजबूत व्यापार और निवेश संबंध हैं। 200 से अधिक डेनिश कंपनियां भारत में मौजूद हैं और 60 भारतीय कंपनियों की डेनमार्क में मौजूदगी है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: India, Denmark agree on a five-year joint action plan for the implementation of the Green Strategic Partnership

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे