नयी दिल्ली, 1 अप्रैल विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत बिम्सटेक ढांचे के तहत क्षेत्रीय सहयोग को गति देने तथा इसे एक मजबूत, विविधतापूर्ण एवं परिणामोन्मुख समूह बनाने को प्रतिबद्ध है ।
समूह की मंत्रिस्तरीय बैठक के उद्घाटन सत्र को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) में दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया को जोड़ने की एक अनोखी ताकत है ।
उन्होंने कहा कि मई 2019 में हमारे सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक नेताओं का शामिल होना इसकी गवाही देता है ।
विदेश मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद एवं संगठित अपराध तथा मादक पदार्थो की तस्करी से मुकाबला करने में सहयोग को लेकर बिम्सटेक संधि पिछले महीने प्रभाव में आई।
उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि सदस्य देशों ने बिम्सटेक परिवहन सम्पर्क मास्टर प्लान को अंतिम रूप दिया है और इसे बिम्सटेक की पांचवी शिखर बैठक में अंगीकार किया जायेगा।
जयशंकर ने बैठक में कहा, ‘‘ यह हमारे क्षेत्र में बेहतर सम्पर्क एवं जुड़ाव की लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है । ’’
गौरतलब है कि बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) में भारत के अलावा बांग्लादेश, म्यामां, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं ।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, जयशंकर ने उन क्षेत्रों में भारत की प्रगति को रेखांकित किया जिसमें उसने काफी बढ़त बनायी है ।
उन्होंने सीमापार आतंकवाद, परिवहन एवं संचार, पर्यटन और पर्यावरण एवं आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में बिम्सटेक के बीच सहयोग को गहरा बनाने के लिये भारत की गतिविधियों का उल्लेख किया ।
इसमें कहा गया है कि बैठक में बिम्सटेक परिवहन सम्पर्क मास्टर प्लान को समूह की अगली शिखर बैठक में अंगीकार करने के लिये मंजूरी दी गई । इसके अलावा तीन सहमति पत्रों (एमओयू) पर बिम्सटेक की अगली शिखर बैठक पर हस्ताक्षर किये जाने को मंजूरी दी गई । इन एमओयू में आपराधिक मामलों पर साझा कानूनी सहायता पर संधि, बिम्सटेक सदस्य देशों के राजनयिक/प्रशिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग पर एमओयू तथा श्रीलंका के कोलंबो में बिम्सटेक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सुविधा की स्थापना के लिये सहयोग ज्ञापन शामिल है ।
बैठक में सदस्य देशों को बिम्सटेक चार्टर का अंगीकार करने के लिये अपनी आंतरिक प्रक्रियाएं पूरी करने को भी प्रोत्साहित किया गया ।
इसमें सदस्य देशों के साथ विचार विमर्श करके अगले कुछ महीनों में श्रीलंका में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन आयोजित करने के अध्यक्ष के प्रस्ताव का स्वागत किया गया ।
बैठक में इस बात का उल्लेख किया गया कि बिम्सटेक मौसम एवं जलवायु केंद्र पूरी तरह से काम करने लगा है जो त्वरित आपदा चेतावनी के लिये अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। इसकी मेजबानी भारत कर रहा है।
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