नयी दिल्ली/चंडीगढ़, 26 मार्च केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के तहत शुक्रवार को किसानों द्वारा आहूत भारत बंद के दौरान पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में सड़क और रेल यातायात अवरुद्ध रहा, वहीं देश के अन्य हिस्सों में बंद का आंशिक असर दिखाई दिया।
किसानों ने पंजाब और हरियाणा में अनेक स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्गों एवं अन्य प्रमुख मार्गों को अवरुद्ध किया। उन्होंने दोनों राज्यों में कई जगहों पर रेल पटरियों को अवरुद्ध किया।
इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शुक्रवार को कहा कि केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ शुक्रवार को किसानों द्वारा आहूत 12 घंटे का ‘भारत बंद’ एक ‘‘बड़ी सफलता’’ है। मोर्चा ने दावा किया कि कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और बिहार सहित देश के कई हिस्सों में बंद देखा गया।
मोर्चा ने एक बयान में आरोप लगाया कि ‘बंद’ के दौरान कर्नाटक और गुजरात में पुलिस ने उनके कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
बयान में दावा किया गया है कि कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बंद ‘‘असरदार’’ रहा।
इसमें दावा किया गया है, ‘‘हरियाणा के लगभग हर जिले से सफल ‘भारत बंद’ की खबरें हैं। कुरुक्षेत्र, करनाल, सोनीपत, यमुनानगर, अंबाला आदि जैसे शहरों में बाजार और अन्य सेवाएं बाधित रही।’’
बयान में दावा किया गया है, ‘‘पंजाब में, मनसा, अमृतसर, मोगा, फिरोजपुर, जालंधर समेत 200 से अधिक स्थानों पर ‘भारत बंद’ कार्यक्रम आयोजित किये गये।’’
कई किसान संगठनों के प्रमुख समूह संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली की तीन सीमाओं- टीकरी, गाजीपुर और सिंघू पर किसान आंदोलन के चार महीने होने के मौके पर शुक्रवार को सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक बंद का आह्वान किया था।
रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि चार शताब्दी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया, 35 अन्य यात्री गाड़ियों को रोक दिया गया तथा 40 मालगाड़ियों की आवाजाही भी प्रभावित हुई।
रेलवे के एक प्रवक्ता डी जे नारायण ने कहा, ''पंजाब और हरियाणा में कुछ ट्रेनों को छोड़कर बंद का लगभग कोई असर नहीं पड़ा। इन दो राज्यों की ट्रेनों के अलावा करीब पांच से छह ट्रेनें कुछ देर लिये बाधित रहीं। कुल मिलाकर भारत बंद का देशभर में 0.5 प्रतिशत से भी कम ट्रेनों पर असर पड़ा। ट्रेनें सुगमतापूर्वक चल रही हैं।''
रेलवे के दिल्ली, अंबाला और फिरोजपुर मंडलों के तहत पड़ने वाले 44 स्थानों पर रेल यातायात बाधित हुआ।
उत्तर प्रदेश के बलिया में सिकंदरपुर कस्बे में प्रदर्शन कर रहे भाकपा (माले) के करीब 20 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया।
चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने कहा कि दिल्ली में बाजारों और औद्योगिक इलाकों में बंद का कोई असर नहीं दिखा। कनाट प्लेस, करोल बाग, कश्मीरी गेट, चांदनी चौक और सदर के बाजार खुले रहे।
उन्होंने कहा, ''सब कुछ खुला रहा। व्यापारी किसानों की मांगों के समर्थन में हैं, लेकिन वे कोरोना वायरस के चलते नुकसान उठा रहे हैं। हम सरकार से इस मुद्दे के समाधान की अपील करते हैं क्योंकि कुंडली, मानेसर, सोनीपत, गुड़गांव आदि में प्रदर्शन के चलते औद्योगिक क्षेत्र प्रभावित हुए हैं।''
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) को कुछ समय के लिए टीकरी बॉर्डर, बहादुरगढ़ सिटी तथा ब्रिगेडियर होशियार सिंह स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार बंद करने पड़े, लेकिन कुछ समय बाद स्टेशनों को यात्रियों के लिए खोल दिया गया।
एक किसान नेता ने दावा किया कि मायापुरी तथा कुछ अन्य इलाकों में लोगों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।
संयुक्त किसान मोर्चा ने दावा किया कि अनेक किसान संगठनों, ट्रेड यूनियनों, छात्र संगठनों, बार संघों, राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने बंद का समर्थन किया।
देश के बाकी हिस्सों में बंद का आंशिक असर दिखाई दिया।
पंजाब में कुछ स्थानों पर दुकानें बंद रहीं। हरियाणा में भी कुछ जगहों पर बंद के समर्थन में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे।
पंजाब में सरकारी और निजी परिवहन सेवाएं ठप रहीं।
हरियाणा में प्रदेश के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि हरियाणा रोडवेज की बस सेवाएं उन जिलों में निलंबित रहेंगी, जहां किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर इनका परिचालन सही नहीं माना जा रहा।
उन्होंने कहा, ‘‘बाकी हरियाणा के अन्य हिस्सों में बस सेवाएं यथावत चल रही हैं।’’
इन दोनों प्रदेशों में सुबह से किसानों ने अनेक राजमार्गों तथा सड़कों को अवरुद्ध किया। इनमें बठिंडा, लुधियाना, अमृतसर, पटियाला, मोहाली, रोहतक, फिरोजपुर, पठानकोट, झज्जर, जींद, पंचकूला, कैथल, यमुनानगर और भिवानी जिले शामिल हैं।
महाराष्ट्र के पुणे में बंद का मिलाजुला असर रहा। संयुक्त किसान मोर्चा और कांग्रेस जैसे दलों समेत विभिन्न समूहों ने कार्यक्रम आयोजित किये। लक्ष्मी रोड, तिलक रोड जैसी कई प्रमुख सड़कें खुली रही।
किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि वे एंबुलेंस और अन्य आपात सेवा वाहनों के साथ ही बारातों को जाने की अनुमति दे रहे हैं।
श्री आनंदपुर साहिब में ‘होल्ला मोहल्ला’ उत्सव के मद्देनजर श्रद्धालुओं को लेकर जा रहे वाहनों को आवाजाही की अनुमति प्रदान की गयी। प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन स्थलों पर श्रद्धालुओं के लिए ‘लंगर’ का भी बंदोबस्त किया।
हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने शुक्रवार को एक वीडियो संदेश में प्रदर्शनकारी किसानों से अपील की कि निजी वाहनों में भी बीमार लोगों को लेकर जा रहे वाहनों को गुजरने दिया जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना है।’’
आंध्र प्रदेश में बंद का मामूली असर दिखाई दिया। हालांकि, विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध के मुद्दे के कारण यह बंद स्थानीय तौर पर केंद्रित हो गया।
गैर-भाजपा दलों के अलावा राज्य की वाईएसआर कांग्रेस सरकार ने भी बंद का समर्थन किया । उनकी मांग है कि केंद्र सरकार को विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र में अपनी हिस्सेदारी बेचने के फैसले को तत्काल वापस ले लेना चाहिए।
गौरतलब है कि हजारों किसान दिल्ली से लगी सिंघू, टीकरी और गाजीपुर सीमाओं पर महीनों से डटे हैं। वे तीन नये कृषि कानूनों को पूरी तरह से वापस लेने और उनकी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं। इनमें अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं।
प्रदर्शनकारी किसान संगठनों और सरकार के बीच अब तक 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन दोनों पक्षों के अपने रुख पर कायम रहने के कारण गतिरोध बरकरार है।
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