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भारत-चीन सीमा विवाद: 1967 में सिक्किम में दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव हुआ था, चीन के 340 सैनिक मारे गए थे

By स्वाति सिंह | Updated: June 16, 2020 15:05 IST

लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ ''हिंसक टकराव'' के दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए। भारत और चीन पर 1975 के बाद पहला ऐसा मौका जब दोनों ही तरफ से किसी जवान ने जान गंवाई हो।

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ठळक मुद्देलद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच 'हिंसक झड़प' हुई ऐसी घटना लगभग 45 साल बाद हुई है जब भारत-चीन बॉर्डर पर हिंसा में किसी सैनिक की शहादत हुई हो।

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा पर पिछले कई दिनों से जारी तनाव के बीच बड़ी खबर सामने आई है। रिपोर्ट्स के अनुसार लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच 'हिंसक झड़प' में एक भारतीय अफसर और दो जवान शहीद हो गये हैं। भारतीय सेना के अनुसार ये घटना बीती रात की है। दोनों देशों की फौजों के बीच हुई खूनी झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल, एक सूबेदार और जवान समेत तीन सैनिक शहीद हो गए हैं। करीब आधा दर्जन जवान जख्मी भी हैं। 

ऐसी घटना लगभग 45 साल बाद हुई है जब भारत-चीन बॉर्डर पर हिंसा में किसी सैनिक की शहादत हुई हो। वैसे तो चीनी सेना के साथ 1975 में भी अरुणाचल प्रदेश में खूनी झड़प हुई थी जब चीनी सेना के एक हमले में चार भारतीय जवान शहीद हो गए थे पर 1962 के युद्ध के बाद सबसे भयानक खूनी झड़प नाथूला में 1967 में हुई थी जब 88 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे और भारतीय रणबांकुरों ने 340 चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था। तब दोनों सेनाओं के बीच सिक्किम तिब्बत बार्डर पर नाथू ला और चो ला में हुए खूनी संघर्ष में दोनों ओर से एक हजार के लगभग जवान जख्मी भी हुए थे। 

1967 में क्या था लड़ाई का कारण

चीन के सैनिकों ने 13 अगस्त 1967 को नाथू ला में भारतीय सीमा से सटे इलाकों में गड्ढा खोदना शुरू किया था। इस दौरान कुछ गड्ढे सिक्किम के अंदर खोदे जाते देख भारतीय जवानों ने चीनी कमांडर से अपने सैनिकों को पीछे हटने के लिए कहा। इसके बाद 1 अक्टूबर को नाथू ला से थोड़ी दूर चो ला में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। इसमें भी भारतीय सैनिकों ने चीन का ज़बरदस्त मुकाबला किया और उनके सैनिकों को तीन किलोमीटर अंदर 'काम बैरेक्स' तक ढकेल दिया। 

चीन ने कहा- भारत ऐसी कार्रवाई नहीं करे जिससे हालात बिगड़े

लद्दाख में सीमा पर बढ़े हुए तनाव के बीच चीन ने भारत से कोई भी एकतरफा कार्रवाई नहीं करने को कहा है। चीन के ग्लोबल टाइम्स के अनुसार चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को कोई भी एकतरफा कार्रवाई करने और विवाद को और बढ़ाने से बचना चाहिए। चीन की ओर से साथ ही भारतीय सैनिकों द्वारा बॉर्डर को क्रॉस करने का आरोप लगाया गया। चीन के विदेश मंत्री झाओ लिजियान की ओर से पत्रकारों को बताया गया कि सोमवार को भारतीय दल ने दो बार बॉर्डर पार किया था।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विदेश मंत्री और तीनों सेना प्रमुखों के साथ की बैठक

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विदेश मंत्री एस जयशंकर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की है। इस मीटिंग में पूर्वी लद्दाख के हालिया घटनाक्रमों पर चर्चा की गई। इससे पहले लद्दाख सीमा पर चीन के साथ गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत अपने 'राष्ट्रीय गौरव' के साथ कभी समझौता नहीं करेगा। देश की सुरक्षा क्षमता बढ़ी है और अब यह 'कमजोर' देश नहीं रहा है। सिंह ने कहा था कि मैं यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम किसी भी परिस्थिति में राष्ट्रीय गौरव से समझौता नहीं करेंगे। 

लद्दाख के गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में दोनों तरफ के लोग हताहत

लद्दाख के गलवान घाटी में चीन के साथ डी-एस्केलेशन प्रक्रिया के दौरान "हिंसक झड़प" में दोनों पक्षों के लोग हताहत हुए हैं। यह जानकारी भारतीय सेना ने दी है। लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ ''हिंसक टकराव'' के दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए।  भारतीय सेना ने कहा है कि भारत और चीन की सेना के वरिष्ठ अधिकारी लद्दाख में तनाव कम करने के लिये बैठक कर रहे हैं। सेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ''गलवान घाटी में तनाव कम करने की प्रक्रिया के दौरान सोमवार रात हिंसक टकराव हो गया। इस दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए।'' 

मई से जारी है भारत-चीन सीमा पर तनाव 

बीते कई दिनों से दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव है। इसकी शुरुआत 5 मई से हुई थी। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच जून में ही चार बार बातचीत हो चुकी है। बातचीत में दोनों देशों की सेनाओं के बीच रजामंदी बनी थी कि बॉर्डर पर तनाव कम किया जाए या डी-एक्सकेलेशन किया जाए। डी-एक्सकेलेशन के तहत दोनों देशों की सेनाएं विवाद वाले इलाकों से पीछे हट रही थीं।

टॅग्स :चीनलद्दाख
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