भारत बायोटेक टीका के कोरोना वायरस के नये प्रकार के खिलाफ कहीं अधिक कारगर रहने की संभावना :हर्षवर्धन

By भाषा | Updated: January 3, 2021 22:55 IST2021-01-03T22:55:28+5:302021-01-03T22:55:28+5:30

India biotech vaccine likely to be far more effective against new type of corona virus: Harsh Vardhan | भारत बायोटेक टीका के कोरोना वायरस के नये प्रकार के खिलाफ कहीं अधिक कारगर रहने की संभावना :हर्षवर्धन

भारत बायोटेक टीका के कोरोना वायरस के नये प्रकार के खिलाफ कहीं अधिक कारगर रहने की संभावना :हर्षवर्धन

नयी दिल्ली, तीन जनवरी भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके की मंजूरी प्रकिया पर कांग्रेस के कुछ नेताओं के चिंता प्रकट करने के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को कहा कि ब्रिटेन में पाए गए वायरस के नये प्रकार (स्ट्रेन) के खिलाफ ‘कोवैक्सीन’ के कहीं अधिक कारगर रहने की संभावना है।

साथ ही, हर्षवर्धन ने नेताओं से टीके की मंजूरी के लिए बखूबी निर्धारित किये गये विज्ञान समर्थित प्रोटोकॉल की विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठाने को कहा।

आनंद शर्मा, शशि थरूर और जयराम रमेश सहित कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सीमित उपयोग के लिए भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके को दी गई मंजूरी को लेकर रविवार को गंभीर चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा कि यह कार्य ‘‘जल्दबाजी ’’ में किया गया है और खतरनाक साबित हो सकता है।’’

इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि इस तरह के अहम मुद्दे को राजनीतिक रंग देना किसी के लिए भी असम्मानजनक है।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर, रमेश और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को टैग कर एक ट्वीट में हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘...कोविड-19 टीकों को मंजूरी देने के लिए बखूबी निर्धारित किये गये विज्ञान समर्थित प्रोटोकॉल की विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठाइए। जाग जाइए और यह महसूस करिए कि आप सिर्फ खुद का अपमान कर रहे हैं।’’

हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘कोवैक्सीन के एन 501वाई (ब्रिटेन में पाए गये प्रकार) जैसे नये स्वरूपों और आगे चलकर सामने आने वाले इस वायरस के किसी अन्य प्रकारों के खिलाफ कहीं अधिक काम करने की संभावना है क्योंकि इसमें स्पाइक प्रोटीन के अलावा अन्य जीनों से लिये गये एपीटोप हैं।’’

कोवैक्सीन को भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सहयोग से विकसित किया है।

आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने भी कहा कि कोवैक्सीन में ब्रिटेन में पाए गए वायरस के नये प्रकार को भी निशाने बनाने की क्षमता है, जो इस टीके को मंजूरी दिये जाने का एक प्रमुख आधार था।

हालांकि, उन्होंने कहा कि टीके की प्रभाव क्षमता के बारे में अभी तक कोई स्पष्ट डाटा उपलब्ध नहीं है।

हर्षवर्धन ने भारत बायोटेक के टीके से जुड़ी अन्य आशंकाओं को भी दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि कोवैक्सीन के क्लीनिकल परीक्षणों के दूसरे चरण में और पहले चरण में जिन लोगों को टीका लगाया गया, उनमें ‘सीरोकंवर्जन’ नहीं पाया गया।

सीरोकंवर्जन, वायरल संक्रमण के स्तर से बदलाव की वह प्रक्रिया है, जब वायरस की एंटीबॉडी रक्त में मौजूद रहती है।

गौरतलब है कि भारत के औषधि नियामक ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को रविवार को मंजूरी दे दी, जिससे व्यापक टीकाकरण अभियान का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की अनुशंसा के आधार पर भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने यह मंजूरी प्रदान की है।

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Web Title: India biotech vaccine likely to be far more effective against new type of corona virus: Harsh Vardhan

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