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India Independence Day 2019: कब, क्यों और कैसे बना था तिरंगा? यहां जानें सबकुछ

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 15, 2019 06:38 IST

India Independence Day 2019, भारत का स्वतंत्रता दिवस, Swatantrata Diwas 2019, Tiranga, National Flag Tiranga, Pingali Venkayya: आजादी के कई वर्षों से तिरंगा को घरों, कार्यालयों या कारखानों में फहराने की अनुमति नहीं थी। 26 जनवरी 2002 को ध्वज संहिता में संशोधन किया गया और लोगों को इसे अपने घरों और कार्यस्थल पर फहराने की अनुमति मिल गई।

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ठळक मुद्देभारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को पहली बार 16 अगस्त 1947 को लाल किले की प्राचीर से फहराया था। देश में फ्लैग कोड ऑफ इंडिया यानी भारत की ध्वज संहिता नाम का एक कानून है, जिसमें इसे फहराने के नियम दर्ज हैं।

India Independence Day 2019, भारत का स्वतंत्रता दिवस, Swatantrata Diwas 2019, Tiranga, National Flag Tiranga, Pingali Venkayya: विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा... राष्ट्रीय ध्वज को देखते ही आगे लिखी हुई पंक्तियों जैसा अहसास किसी भी भारतीय को अपने आगोश में समेट लेता है। होना भी चाहिए। आखिर तिरंगा हमारा राष्ट्रीय ध्वज है। देश की आन-बान और शान का प्रतीक है। पूरे देश को एक सूत्र में बांध देने का जरिया है। चूंकि मौका 73वें स्वंतत्रता दिवस का है तो आइये इस राष्ट्रीय पर्व पर देश के कोने-कोने में जन-हितैषी संदेशों के साथ लहराने वाले तिरंगे के बारे में कुछ रोचक तथ्य जान लेते हैं। 

भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था। पिंगली वेकैंया आंध्र प्रदेश के रहने वाले थे और किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे। 

आजादी से कुछ दिन पहले यानी 22 जुलाई 1947 को तिरंगा को भारत के राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर स्वीकृति मिली थी। 

भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को पहली बार 16 अगस्त 1947 को लाल किले की प्राचीर से फहराया था। 

आजादी के कई वर्षों से तिरंगा को घरों, कार्यालयों या कारखानों में फहराने की अनुमति नहीं थी। 26 जनवरी 2002 को ध्वज संहिता में संशोधन किया गया और लोगों को इसे अपने घरों और कार्यस्थल पर फहराने की अनुमति मिल गई।

राष्ट्रीय ध्वज को किस चीज से बनाया जाए, इसका भी नियम है। कानून के मुताबिक, इसे खादी से बनाया जाना चाहिए। नियमानुसार, तिरंगा को 3:2 के अनुपात में आयताकार बनाया जाना चाहिए। इसके बीच दिखने वाले अशोक चक्र का माप तय नहीं है लेकिन उसमें 24 तीलियां होना जरूरी है। 

तिरंगा में नीले रंग से बनाया जाने वाला अशोक चक्र जीवन में गतिशील होने का संदेश देता है तीलियां धर्म के 24 नियम बताती हैं। 

तिरंगा यानी तीन रंग, जिसमें केसरिया, सफेद और हरा है। तीनों रंगों के अलग-अलग मायने हैं। केसरिया रंग साहस और बलिदान का प्रतीक है। सफेद रंग सच, शांति और पवित्रता का प्रतीक है। हरा रंग संपन्नता का संदेश देता है।    देश में फ्लैग कोड ऑफ इंडिया यानी भारत की ध्वज संहिता नाम का एक कानून है, जिसमें इसे फहराने के नियम दर्ज हैं। तिरंगा को फहराने के नियमों के उल्लंघन करने पर सजा भी हो सकती है। 

दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन संग्रहालय में सोने और हीरे-जवाहरातों से बना एक लघु तिरंगा रखा है।

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