नयी दिल्ली, 17 नवंबर मोबाइल ऐप के माध्यम से तत्काल ऋण देने वाली एक वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी द्वारा 500 करोड़ रुपये का धन गलत तरह से विदेशों में भेजे जाने का पता चला है। सीबीडीटी ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
आयकर विभाग ने नौ नवंबर को दिल्ली और गुड़गांव (हरियाणा) में कंपनी के परिसर पर छापा मारा था और जानकारी एकत्रित की थी।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बयान में कहा, ‘‘तलाशी के दौरान पता चला कि कंपनी ऋण देने के समय कथित रूप से बहुत ज्यादा प्रोसेसिंग शुल्क वसूल रही है। इससे कर्ज लेने वालों पर बोझ बढ़ जाता है।’’
उसने कहा कि केमैन द्वीप देश के एक समूह द्वारा संचालित कंपनी दरअसल ‘एक पड़ोसी देश के व्यक्ति द्वारा नियंत्रित’ है।
सीबीडीटी ने कहा, ‘‘कंपनी विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के रास्ते भारत में बहुत कम शुरुआती पूंजी लाई लेकिन भारतीय बैंकों से उसने बड़ी मात्रा में कार्यशील पूंजी कर्ज लिया।’’
आयकर विभाग के लिए नीति बनाने वाले सीबीडीटी ने कहा कि यह बात सामने आई कि कंपनी ने दो साल में सेवाओं को खरीदने के बहाने विदेशों में समूह की कंपनियों को करीब 500 करोड़ रुपये भेजे।
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