भीलवाड़ा और भरतपुर में दो मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन, सीएम बोले- महामारी से लड़ाई में राजस्थान देश में अग्रणी

By धीरेंद्र जैन | Updated: August 26, 2020 20:52 IST2020-08-26T20:52:21+5:302020-08-26T20:52:21+5:30

निशुल्क जांच एवं दवा योजना तथा निरोगी राजस्थान अभियान जैसे महत्वपूर्ण निर्णयों के बाद कोरोना महामारी से सफलतापूर्वक मुकाबले के लिए प्रदेश में गांव-ढाणी तक स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश में नव-स्वीकृत मेडिकल कॉलेजों का निर्माण भी निर्धारित समयावधि में पूरा हो।

Inauguration two medical colleges Bhilwara and Bharatpur CM Rajasthan fight against epidemic | भीलवाड़ा और भरतपुर में दो मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन, सीएम बोले- महामारी से लड़ाई में राजस्थान देश में अग्रणी

158 नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। 157 नए कॉलेजों की योजना बनाई गई है, जिनमें से 75 को 2019-20 में मंजूरी दी गई। (file photo)

Highlightsबीकानेर, उदयपुर एवं कोटा के मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इन सुविधाओं के विस्तार से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।परियोजनाओं में 828 करोड़ रुपये का संयुक्त निवेश किया गया है, जिसमें से 150-150 करोड़ रुपये इन मेडिकल कॉलेजों में निवेश किए गए, जिनमें 150 स्नातक छात्रों की क्षमता है।

जयपुरः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान ने चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में देश के अन्य राज्यों के सामने अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है।

निशुल्क जांच एवं दवा योजना तथा निरोगी राजस्थान अभियान जैसे महत्वपूर्ण निर्णयों के बाद कोरोना महामारी से सफलतापूर्वक मुकाबले के लिए प्रदेश में गांव-ढाणी तक स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश में नव-स्वीकृत मेडिकल कॉलेजों का निर्माण भी निर्धारित समयावधि में पूरा हो।

मुख्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 828 करोड़ रुपए की लागत से तैयार भीलवाडा एवं भरतपुर मेडिकल कॉलेज भवन तथा बीकानेर, उदयपुर एवं कोटा के मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं के विस्तार से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।

कोटा में सरकारी मेडिकल कॉलेज, बीकानेर में सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज और उदयपुर में रवींद्र नाथ टैगोर मेडिकल कॉलेज में बनाए गए सुपर-स्पेशलिटी ब्लॉक का भी उद्घाटन किया गया। इन परियोजनाओं में 828 करोड़ रुपये का संयुक्त निवेश किया गया है, जिसमें से 150-150 करोड़ रुपये इन मेडिकल कॉलेजों में निवेश किए गए, जिनमें 150 स्नातक छात्रों की क्षमता है।

भरतपुर मेडिकल कॉलेज में 34 आईसीयू बेड सहित 525 बेड होंगे, जबकि आरवीआरएस मेडिकल कॉलेज में 458 बेड होंगे। इस अवसर पर, हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने चिकित्सा शिक्षा में सुधारों को प्राथमिकता दी है।’’ सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में, 158 नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। 157 नए कॉलेजों की योजना बनाई गई है, जिनमें से 75 को 2019-20 में मंजूरी दी गई।

हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘पिछले पांच वर्षों में, हम एमबीबीएस में लगभग 26,000 सीटें और स्नातकोत्तर में 30,000 सीटें जोड़ पाए हैं। इतनी बड़ी संख्या में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना और देश में मेडिकल की सीटों में वृद्धि सरकार द्वारा की गई कई पहलों और सुधारों का परिणाम है।’’ इस मौके पर मुख्यमंत्री गहलोत ने राजस्थान में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को स्थापित करने में सक्रिय भूमिका के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया और उन संभावित तरीकों पर चर्चा की, जिनसे कोविड-19 संकट में राजस्थान के लोगों की मदद के लिए केंद्र-राज्य सहयोग बढ़ाया जा सके। 

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से लड़ाई में राजस्थान देश में अग्रणी है। मृत्युदर, रिकवरी रेट, डबलिंग रेट सहित अन्य मानकों पर राजस्थान की स्थिति देश के बड़े राज्यों एवं राष्ट्रीय औसत से काफी बेहतर है। नॉन-कोविड मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में मोबाइल ओपीडी वैन संचालित की गईं।

उन्होंने कहा कि सिलिकोसिस जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को राहत देने के लिए प्रदेश में नई पॉलिसी लाई गई है। उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया कि वे इस घातक बीमारी के उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कार्ययोजना बनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की जांच के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट सर्वाधिक प्रामाणिक है।

राजस्थान ऐसा राज्य है जहां सभी टेस्ट इसी विधि से किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान के चिकित्सा विशेषज्ञों ने पूर्व में रैपिड टेस्टिंग किट के नतीजों पर सवाल उठाए थे। इसके बाद पूरे देश में इस टेस्ट को बंद कर दिया गया।

हाल ही देश के कई राज्यों में किए जा रहे रैपिड एंटीजन टेस्ट को लेकर भी राजस्थान में रिसर्च किया गया तो परिणाम आशानुकूल नहीं पाए गए। इस संबंध में हमने आईसीएमआर को भी अवगत कराया है। गहलोत ने आग्रह किया कि स्वास्थ्य मंत्रालय इस टेस्ट के परिणामों की विश्वसनीयता की जांच करवा कर उचित निर्णय ले। 

एनएचएम संविदा कार्मिकों को मिलेगा एकबारीय लॉयल्टी बोनस/अनुभव बोनस: गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एनएचएम में कार्यरत संविदाकर्मियों को एकबारीय लॉयल्टी बोनसध्अनुभव बोनस दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसका लाभ उन एनएचएम संविदाकर्मियों को मिलेगा, जिन्हें वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में मानदेय वृद्धि का लाभ नहीं मिला है।

प्रस्ताव के तहत एनएचएम के ऐसे संविदाकर्मी, जिन्होंने 31 मार्च, 2017 को 3 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली है, उन्हें 10 प्रतिशत तथा जिन्होंने 5 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली है, उन्हें 15 प्रतिशत की दर से 01 अप्रैल, 2020 को एकबारीय लॉयल्टी बोनसध्अनुभव बोनस दिया जाएगा। राशि की गणना 31 मार्च, 2020 को दिए जा रहे मासिक मानदेय के आधार पर की जाएगी।

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