नयी दिल्ली, 10 दिसंबर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 ई के तहत निजता के उल्लंघन के लिए वर्ष 2020 में 700 से अधिक मामले दर्ज किए गए। संसद को शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में कहा, ‘‘राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी), गृह मंत्रालय द्वारा रखे जाने वाले आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2018, वर्ष 2019 और वर्ष 2020 के दौरान आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 66ई के तहत गोपनीयता के उल्लंघन के कुल क्रमश: 389, 812 और 742 मामले दर्ज किए गए थे।’’
उन्होंने कहा कि अधिनियम की धारा 66ई निजता के उल्लंघन के लिए सजा का प्रावधान करती है, और इन मामलों को राज्यों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा निपटाया जाता है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार नए युग के साइबर अपराधों को पूरा करने के लिए देश में साइबर सुरक्षा के लिए अकेले एक कानून लाने पर विचार कर रही है, चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘फिलहाल, इस संबंध में एक एकल कानून लाने के लिए मंत्रालय के पास कोई प्रस्ताव नहीं है।
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