अगले 25 वर्षों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नवाचार ही तय करेंगे विकास की रूपरेखा : जितेंद्र सिंह

By भाषा | Updated: September 2, 2021 23:02 IST2021-09-02T23:02:45+5:302021-09-02T23:02:45+5:30

In the next 25 years, only science and technology innovation will decide the road of development: Jitendra Singh | अगले 25 वर्षों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नवाचार ही तय करेंगे विकास की रूपरेखा : जितेंद्र सिंह

अगले 25 वर्षों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नवाचार ही तय करेंगे विकास की रूपरेखा : जितेंद्र सिंह

केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि जीवन के सभी क्षेत्रों में अगले 25 वर्षों के लिए कार्य योजना (रोडमैप) वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचारों द्वारा तय की जाएगी। डॉ सिंह ने 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाने के लिए सभी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषदों की भागीदारी के साथ आयोजित एक साल के 'विज्ञान उत्सव' का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी बहुत महत्वपूर्ण हैं तथा इसमें राज्यों की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषदों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी एक बुनियादी निर्धारित आवश्यकता है तथा देश, केंद्र-राज्य के समन्वित प्रयासों से वैज्ञानिक दुनिया में अब एक बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। उन्होंने कहा, 'जीवन के सभी क्षेत्रों में अगले 25 वर्षों के लिए कार्य योजना (रोडमैप) वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचारों द्वारा निर्धारित की जाएगी।'' केन्द्रीय मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच निरंतर समन्वय के माध्यम से उद्यमियों और स्टार्टअप के साथ-साथ संभावित युवा शोधकर्ताओं और महिला वैज्ञानिकों की पहचान करने तथा जनता तक पहुंचने की आवश्यकता पर जोर दिया। मध्य प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सभी प्रौद्योगिकियों के मानचित्रण की आवश्यकता पर बल दिया ताकि राज्यों को सभी क्षेत्रों में अपनी प्रगति के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी हस्तक्षेपों का उपयोग करने में मदद मिल सके। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप ने उल्लेख किया कि यह विज्ञान उत्सव सभी राज्यों के संपूर्ण विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) के पारिस्थितिकी तंत्र को आगे लाने के लिए पहचाने गए विषयों के माध्यम से सभी सम्बद्ध हितधारकों के साथ एक बड़ा जुड़ाव स्थापित करने में सक्षम होगा और यह निश्चित रूप से राष्ट्रीय विकास की दिशा में आगे जाएगा।

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