नयी राष्ट्रीय जल नीति के मसौदे में पानी के उपयोग की प्राथमिकताएं तय

By भाषा | Updated: October 24, 2021 13:22 IST2021-10-24T13:22:34+5:302021-10-24T13:22:34+5:30

In the draft of the new National Water Policy, the priorities of water use have been fixed. | नयी राष्ट्रीय जल नीति के मसौदे में पानी के उपयोग की प्राथमिकताएं तय

नयी राष्ट्रीय जल नीति के मसौदे में पानी के उपयोग की प्राथमिकताएं तय

(दीपक रंजन)

नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर देश में पानी के गहराते संकट के बीच मौजूदा दर के लिहाज से 2030 तक जल की आधी राष्ट्रीय मांग पूरा करना भी मुश्किल होगा और जल संकट से जुड़ी ऐसी ही चुनौती से निपटने के वास्ते नयी राष्ट्रीय जल नीति के मसौदे में उपलब्ध पानी के इष्टतम उपयोग के लिये प्राथमिकताओं को वर्गीकृत किया गया है।

सरकार को नयी राष्ट्रीय जल नीति का मसौदा सौंप दिया गया है जिसमें पानी के उपयोग को प्राथमिकताओं के आधार पर वर्गीकृत कर प्रथम वरीयता पेयजल, भोजन पकाने सहित जीवन से जुड़ी जल जरूरतों एवं दूसरी वरीयता कृषि कार्यों को दी गई है।

मसौदा तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष मिहिर शाह ने ‘‘भाषा’’ से साक्षात्कार में कहा, ‘‘नयी राष्ट्रीय जल नीति 2020 के मसौदे को जल शक्ति मंत्रालय को सौंप दिया गया है। यह पानी के बारे में समझ को बढ़ाने वाले और नए विकल्पों को भी दर्शाने वाले हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने जलवायु परिवर्तन और देश के समक्ष मौजूदा गंभीर जल संकट की वर्तमान स्थिति पर गंभीरता से विचार किया है। यह इसलिये भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर इसी दर से मांग बनी रही तब वर्ष 2030 तक जल की आधी राष्ट्रीय मांग पूरी नहीं की जा सकेगी।’’

राष्ट्रीय जल नीति (एनडब्ल्यूपी) का मसौदा तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष ने कहा कि हमारा प्रयास है कि एक ऐसा सुसंगत ढांचा बनाया जाए ताकि यह पता चल सके कि जल से जुड़े विषयों एवं विचारों को कैसे आगे बढ़ाना है जो अधिक सटीक और मौजूदा समय की बदली जरूरतों के अनुरूप हो। ’’

उन्होंने कहा कि मसौदा में मांग की बजाए आपूर्ति से जुड़े आयामों पर जोर दिया गया है। इसमें ऐसी फसलों को अपनाने की बात कही गई है जिसमें कम पानी की जरूरत हो तथा उद्योगों में ताजे पानी के उपयोग को कम करने का सुझाव दिया गया है।

शाह ने बताया कि नयी नीति के मसौदे में पानी के उपयोग के मुद्दे पर प्राथमिकताएं पूरी तरह से स्पष्ट हैं क्योंकि इस आधार पर पानी नहीं मिलने पर जीवन एवं आजीविका को लेकर संकट उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने बताया कि पानी के उपयोग की प्राथमिकता तय की गई हैं और इसे पांच खंडों में वर्गीकृत किया गया है। इसके प्रथम खंड में जीवन के लिये पानी के उपयोग को रखा गया है जिसमें पेयजल, भोजन पकाने, स्वच्छता सहित जीवन से जुड़ी जरूरतों को रखा गया है।

मिहिर शाह ने बताया कि दूसरे खंड में खाद्य सुरक्षा, कृषि कार्यों एवं नदियों में गुणवत्तापूर्ण जल का प्रवाह बनाये रखने के विषय और तीसरे खंड में सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक जरूरतों के लिये पानी के उपयोग को रखा गया है।

उन्होंने बताया कि पानी के उपयोग के वर्गीकरण के चौथे खंड में जल से जुड़ी वाणिज्यिक कृषि के लिये पानी बचाने वाली तकनीक का उपयोग करने एवं औद्योगिक वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के लिये पुन: चक्रीय माध्यम से पानी के उपयोग के बाद ही ताजा पानी पर दावा करने की बात कही गई है।

शाह ने बताया कि इसके पांचवें खंड में उभरती अनिश्चितताओं को ध्यान में रखते हुए पानी का भंडार तैयार करने का उल्लेख किया गया है। उन्होंने बताया कि नयी राष्ट्रीय जल नीति के मसौदे में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्वतंत्र जल संसाधन नियामक प्राधिकरणों (आईडब्ल्यूआरआरए) के स्थापित करने का भी सुझाव दिया गया है।

शाह ने कहा कि देश के कई क्षेत्रों में भूजल स्तर नीचे गिरा है जबकि बड़े बांधों में बड़ी मात्रा में पानी संचयित हैं जो किसानों तक नहीं पहुंच रहे हैं । नीति में इन विषयों पर भी ध्यान दिया गया है एवं उपाए सुझाए गए हैं ।

उन्होंने बताया कि नयी राष्ट्रीय जल नीति को लागू करने में राज्यों में सहमति बनाने एवं समयबद्ध तरीके से विवादों के समाधान के लिये एक नयी अंतर राज्यीय परिषद गठित करने का सुझाव दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि मसौदे में नयी राष्ट्रीय जल नीति को लागू करने के कार्यों की देखरेख, समन्वय, निगरानी एवं मूल्यांकन के लिये नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष के नेतृत्व में एक कार्यबल गठित करने का सुझाव दिया गया है।

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Web Title: In the draft of the new National Water Policy, the priorities of water use have been fixed.

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