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पंजाब में शिअद ने दलित को उपमुख्यमंत्री बनाने का वादा किया; भाजपा ने मुख्यमंत्री पद का वादा किया

By भाषा | Updated: April 14, 2021 23:25 IST

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चंडीगढ़, 14 अप्रैल शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने बुधवार को कहा कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अगर उनकी पार्टी की सरकार बनती है, तो पंजाब के उपमुख्यमंत्री का पद एक दलित को दिया जाएगा, जबकि भाजपा ने समुदाय के एक प्रतिनिधि को मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया।।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सुखबीर के बयान को एक चुनावी जुमला करार देकर उन पर निशाना साधा और कहा कि 10 साल के शासन के दौरान इस समुदाय के कल्याण को सुनिश्चित करने में वे विफल रहे।

सुखबीर ने आगे कहा कि राज्य के दोआबा क्षेत्र में बी आर आंबेडकर के नाम पर एक विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा, जिस क्षेत्र के अंतर्गत जालंधर, होशियारपुर और कपूरथला में एक बड़ी दलित आबादी रहती है।

पंजाब की कुल आबादी में दलितों की संख्या करीब 32 फीसदी है।

बाबासाहब आंबेडकर की 130वीं जयंती पर जालंधर में आयोजित एक कार्यक्रम में सुखबीर ने कहा, "पंजाब में जब शिअद की सरकार बनेगी, तो उपमुख्यमंत्री दलित समुदाय से होंगे। हम बाबासाहब के नाम पर दोआबा में एक विश्वविद्यालय भी स्थापित करेंगे।"

शिअद प्रमुख ने कहा कि "उनकी पार्टी को आंबेडकर के आदर्शों पर चलने पर गर्व है। हम कमजोर और दलितों के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

इस बीच, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने बुधवार को कहा, "अगर अगले पंजाब विधानसभा चुनावों में भाजपा सत्ता में आती है, तो राज्य में एक दलित मुख्यमंत्री होगा।"

चुघ ने दलित समुदाय के एक सदस्य को उपमुख्यमंत्री का पद देने के "झूठे वादों से उन्हें लुभाकर" कथित रूप से उन्हें "गुमराह करने" की कोशिश करने के लिए कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल की आलोचना की।

चुघ ने एक बयान में शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल का यह कहते हुए मजाक उड़ाया कि उनकी पार्टी एक दलित को उपमुख्यमंत्री पद पर नियुक्त करेगी, मुख्यमंत्री क्यों नहीं।

चुघ ने कहा, "अकालियों को एक ही परिवार से और एक विशेष समुदाय से मुख्यमंत्री बनाने की प्रथा को खत्म करना चाहिए।"

गौरतलब है कि भाजपा का पिछले साल तक शिअद के साथ गठबंधन था, जो केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर मतभेद के कारण अलग हो गए थे।

इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दोनों पार्टियों द्वारा किए गए वादों को ''कुछ और नहीं बल्कि चुनावी जुमला'' करार दिया।

अमरिंदर सिंह ने कहा कि दोनों पार्टियों के चौंकाने वाले "खराब ट्रैक रिकॉर्ड" को देखते हुए, जिन्होंने अपने 10 साल के शासन के दौरान एससी समुदाय के लिए "कुछ भी नहीं" किया, वे अब 2022 के चुनाव के मद्देनजर समुदाय को लुभाने के लिए "राजनीतिक नौटंकी" कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने वादा किया कि उनकी सरकार सभी सरकारी योजनाओं की कम से कम 30 प्रतिशत धनराशि राज्य की अनुसूचित जातियों के लोगों के कल्याण के लिए खर्च करेगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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