भविष्य में कोविड-19 स्थानिक महामारी में बदल जाएगा, दिल्ली में शून्य का आंकड़ा मुश्किल : विशेषज्ञ

By भाषा | Updated: July 3, 2021 18:53 IST2021-07-03T18:53:41+5:302021-07-03T18:53:41+5:30

In future, Kovid-19 will turn into an endemic epidemic, zero figure in Delhi difficult: Experts | भविष्य में कोविड-19 स्थानिक महामारी में बदल जाएगा, दिल्ली में शून्य का आंकड़ा मुश्किल : विशेषज्ञ

भविष्य में कोविड-19 स्थानिक महामारी में बदल जाएगा, दिल्ली में शून्य का आंकड़ा मुश्किल : विशेषज्ञ

नयी दिल्ली, तीन जुलाई कोविड-19 के मामलों में लगातार गिरावट आ रही है लेकिन जैसे-जैसे वायरस का स्वरूप बदल रहा है, दिल्ली में शून्य के जादूई आंकड़े पर पहुंचने की संभावना नहीं है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि भविष्य में कोरोना वायरस स्थानिक महामारी में बदल जाएगा।

केंद्र, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मंत्रिमंडल के उनके सहयोगी सत्येंद्र जैन ने पिछले साल कहा था कि लोगों को कोरोना वायरस के साथ रहना सीखना होगा और इसकी रोकथाम के उपायों को अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा। दिल्ली सरकार द्वारा संचालित लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि संक्रमण के कुछ मामले आते रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘शून्य एक असंभव आंकड़ा है। वायरस का स्वरूप बदल रहा है और भविष्य में इसके व्यवहार का अनुमान लगाना मुश्किल है।’’

वायरस ने इतनी चुनौती क्यों पेश की है, इस बारे में फरीदाबाद में अमृता हॉस्पिटल के रेजिडेंट मेडिकल डायरेक्टर डॉ संजीव के सिंह ने बताया कि यह एक एमआरएनए वायरस है जो अपनी संरचना को बदलता रहता है। उन्होंने कहा, ‘‘ये वायरस स्मार्ट है और सिर्फ जीने के लिए स्वरूप में बदलाव करता रहेगा। कोविड-19 बीमारी बरकरार रहेगी और हो सकता है कि सभी 193 देशों को प्रभावित न करे लेकिन इसकी मौजूदगी बनी रहेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘शून्य (के आंकड़े) पर आना संभव नहीं होगा। अस्पतालों में सर्जरी करवाने के लिए हेपेटाइटिस और एचआईवी की जांच करवानी पड़ती है। अब कोविड-19 की जांच भी की जाएगी।’’

आईवीएफ विशेषज्ञ और ‘सीड्स ऑफ इनोसेंस’ की संस्थापक डॉ. गौरी अग्रवाल ने कहा कि 1918 की महामारी को एक मानदंड के रूप में रखते हुए, हम लगता है कि पूरी तरह वायरस का उन्मूलन असंभव है। उन्होंने कहा , ‘‘जैसा जैसे, संभवत: 12-24 महीने में कोविड-19 स्थानिक महामारी में बदलेगा, दैनिक आधार पर ऐसे आंकड़े आने बंद हो जाएंगे। इसलिए, जब हम शून्य रिपोर्ट दर्ज करते हैं तो वास्तविक तौर पर शून्य मामला कभी भी नहीं हो सकता है।’’

तीसरी लहर की आशंका और कोरोना वायरस के ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप के उभरने की चिंताओं के बीच, विशेषज्ञों ने संभावित लहर के अधिक घातक होने की आशंकाओं को दूर किया क्योंकि अधिकांश आबादी संक्रमित हो गई है। इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली में फेफड़ा रोग के वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. राजेश चावला ने कहा, ‘‘टीका के प्रभाव को बेअसर करने वाला कोई नया स्वरूप नहीं आता है तो मुझे नहीं लगता कि तीसरी लहर दूसरी लहर की तरह घातक होगी।’’ उन्होंने रेखांकित किया कि आने वाले दिनों में कोरोना वायरस स्थानिक महामारी में बदल जाएगा।

चावला के साथ सहमति जताते हुए मैक्स हेल्थकेयर के निदेशक, इंटरनल मेडिसिन, डॉ. रोमेल टिक्कू ने कहा कि हम अभी भी दूसरी कोविड लहर में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘संक्रमण के सत्तर प्रतिशत मामले महाराष्ट्र और दक्षिणी राज्यों तक सीमित हैं। उत्तर भारत के राज्यों में अचानक तेजी से मामलों में वृद्धि हुई और वायरस ने बड़ी संख्या में लोगों को एक साथ संक्रमित किया, यही कारण है कि लगातार गिरावट आयी।’’

दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में चिकित्सकीय ऑक्सीजन का संकट पैदा हो गया था और बेड की भी किल्लत हो गयी थी। हालांकि पिछले कुछ दिनों में संक्रमण के मामलों में लगातार कमी आ रही है और संक्रमण दर एक प्रतिशत से कम है। दिल्ली में सोमवार को 59 मामले आए और दो लोगों की मौत हुई थी। उसके बाद से रोजाना 90 के आसपास मामले आ रहे हैं।

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