छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ पार्टी के ही विधायक का मंत्री पर आरोप, सदन में हंगामा

By भाषा | Updated: July 26, 2021 21:51 IST2021-07-26T21:51:47+5:302021-07-26T21:51:47+5:30

In Chhattisgarh, the MLA of the ruling party accuses the minister, uproar in the house | छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ पार्टी के ही विधायक का मंत्री पर आरोप, सदन में हंगामा

छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ पार्टी के ही विधायक का मंत्री पर आरोप, सदन में हंगामा

रायपुर, 26 जुलाई छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री पर सत्तारूढ़ कांग्रेस के ही एक विधायक के आरोपों को लेकर जमकर हंगामा किया।

भाजपा सदस्यों ने इस दौरान कहा कि कांग्रेस के विधायक बृहस्पत सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर जान से मारने की कोशिश का आरोप लगाया है। भाजपा ने मामले की सदन की समिति से जांच कराने की मांग की। सत्र के पहले दिन विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर समेत अन्य भाजपा विधायकों ने कहा कि सत्तारूढ़ दल के विधायक बृहस्पत सिंह ने अपनी ही सरकार के मंत्री पर जान से मारने की कोशिश का गंभीर आरोप लगाया है।

भाजपा सदस्यों ने कहा कि जब सत्ताधारी दल का कोई विधायक अपनी पार्टी की सरकार में सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है तब विपक्षी सदस्य कैसे सुरक्षित रह सकते हैं? यह प्रत्येक विधायक की सुरक्षा का मामला है इसलिए मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए सदन की समिति से इसकी जांच होनी चाहिए। विधानसभा में विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने कहा कि यह कांग्रेस के साथ-साथ पूरे राज्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण घटना है क्योंकि इस तरह के आरोप राज्य के इतिहास में किसी विधायक द्वारा कभी नहीं लगाया गया था।

जब विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत ने संसदीय कार्य मंत्री रवींद्र चौबे से इस विषय पर राज्य सरकार का जवाब पेश करने के लिए कहा तब भाजपा सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताई। भाजपा विधायकों ने कहा कि विधायक ने मंत्री पर आरोप लगाया है इसलिए पूरा मंत्रिमंडल आरोप में है। विधायक ने यह भी आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर दिए गए उनके बयान से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। इसलिए संसदीय कार्य मंत्री से जवाब मांगने के बजाए सदन में मौजूद विधायक बृहस्पत सिंह और मंत्री टीएस सिंह देव तथा सिंह के घर (रविवार को) जाने वाले विधायकों को इस मुद्दे पर बोलना चाहिए।

इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि नैसर्गिक न्याय का सिद्धांत कहता है कि दोनों पक्षों को बोलने का मौका दिया जाना चाहिए, क्योंकि विपक्षी सदस्यों को बोलने का मौका दिया गया है इसलिए सत्ता पक्ष का भी इस पर जवाब आना चाहिए। इसके बाद भाजपा विधायकों ने मामले की सदन की समिति से जांच की मांग की और सदन में नारेबाजी करने लगे। तब विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी।

सदन के दोबारा शुरू होने के बाद भाजपा विधायकों ने फिर यह मामला उठाया और इस मामले की जांच की मांग की। इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सदन के प्रत्येक सदस्य की सुरक्षा सुनिश्चित करे और उनकी सरकार उन्हें पूरी सुरक्षा प्रदान करेगी। लेकिन, भाजपा विधायक मामले की सदन की समिति से जांच की मांग पर अड़े रहे। सदन में एक बार फिर हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को भोजनावकाश तक स्थगित कर दिया।

भोजनावकाश के बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तब भाजपा विधायकों ने कहा कि मंत्री सिंहदेव और विधायक सिंह को इस मुद्दे पर विधानसभा में बोलना चाहिए। तब विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह मंगलवार को इस पर विचार करेंगे।

रामानुजगंज विधानसभा सीट से विधायक बृहस्पत सिंह ने रविवार को आरोप लगाया था कि सरगुजा जिले के अंबिकापुर शहर में उनके काफिले में शामिल एक वाहन पर शनिवार शाम हमला किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि यह हमला स्वास्थ्य मंत्री के कहने पर किया गया। सिंह ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रशंसा की थी और कहा था कि वह राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे, जो सिंहदेव को पसंद नहीं आया। इसके बाद उन पर हमला किया गया।

विधायक सिंह ने कहा था कि कथित हमले के पीछे तीन लोगों का हाथ है जिनमें से एक मंत्री का दूर का रिश्तेदार बताया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि हमला मंत्री के निर्देश पर हुआ और वह (सिंह) ही निशाने पर थे। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव जो सरगुजा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने इस मामले को लेकर कहा था कि उनके क्षेत्र और राज्य के लोग उनकी छवि के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं। उन्हें इस मुद्दे पर और कुछ नहीं कहना है।

दिसंबर वर्ष 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव और वरिष्ठ नेता ताम्रध्वज साहू प्रमुख दावेदार थे। राज्य में चर्चा है कि मुख्यमंत्री पद के लिए ढाई—ढाई वर्ष का फॉर्मूला तय किया गया, जिसमें बघेल और सिंहदेव के बीच सहमति बनी थी। हालांकि किसी ने भी इसकी पुष्टि नहीं की है।

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Web Title: In Chhattisgarh, the MLA of the ruling party accuses the minister, uproar in the house

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