Bihar: सीमांचल के सरकारी स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टी को लेकर आपस में भिड़े एनडीए नेता, भाजपा को मिला कांग्रेस का साथ
By एस पी सिन्हा | Published: July 29, 2022 04:08 PM2022-07-29T16:08:54+5:302022-07-29T16:15:45+5:30
भाजपा जहां उर्दू स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी रहने पर आपत्ति जता रही है, वहीं जदयू की ओर से उपेंद्र कुशवाहा ने इसे गलत नहीं कहा है।
पटना: बिहार के सीमांचल में अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाकों में स्थित करीब 500 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में रविवार के बजाय शुक्रवार को छुट्टी होने पर घमासान मचा हुआ है। इस विवाद से एनडीए में तल्खियां और बढ़ गई हैं। जदयू और भाजपा के नेता अलग-थलग दिख रहे हैं। भाजपा जहां उर्दू स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी रहने पर आपत्ति जता रही है, वहीं जदयू की ओर से उपेंद्र कुशवाहा ने इसे गलत नहीं कहा है। अब जदयू को इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम का भी साथ मिल गया है।
इस बीच, जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार के सरकारी स्कूलों में छुट्टी के बारे में ट्वीट कर एक बार फिर से सियासी हलचल मचा दी है। उन्होंने अपनी सहयोगी पार्टी भाजपा से राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा पर हमला बोला है। उन्होंने संस्कृत विश्वविद्यालय का एक कैलेंडर ट्वीट कर कहा है कि संस्कृत महाविद्यालयों में भी प्रत्येक महीने की प्रतिपदा और अष्टमी को छुट्टी रहती है।
बिना किसी का नाम लिए कुशवाहा ने कहा, नहीं मालूम है, तो कृपया संस्कृत विश्वविद्यालय के इस कैलेंडर का अवलोकन कर अपना ज्ञान बढ़ाइए। उन्होंने कहा कि सिर्फ मुद्दा बनाने के इरादे से बयानबाजी करनी है तो और बात है। उन्होंने आगे लिखा है कि सिर्फ मुद्दा बना कर हंगामा खड़ा करना हमारा (नेताओं का) मकसद नहीं, कोशिश रहे कि सच्चाई बता कर तिरंगे का मान बढ़ाना चाहिए।
रिपोर्टों के अनुसार पूर्णिया-किशनगंज समेत सीमांचल क्षेत्र में 500 से अधिक सरकारी स्कूलों में शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश मनाया जा रहा है। ये स्कूल अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र में स्थित हैं और इनमें पढ़ने वाले अधिकतर बच्चे भी अल्पसंख्यक हैं। बीते दिनों भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा था कि स्कूलों में साप्ताहिक छुट्टियां धर्म को देख कर नहीं दी जातीं।
यदि शुक्रवार को स्कूलों में साप्ताहिक अवकाश देने का निर्णय हुआ है, तो यह सांप्रदायिक निर्णय है और इसे वापस लिया जाना चाहिए। इससे पहले भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने शुक्रवार को सरकारी स्कूलों में छुट्टी को विभाजनकारी मानसिकता बताया। उन्होंने कहा कि इसी मानसिकता से पहले देश का विभाजन हुआ था। इसके साथ ही बचौल ने कहा कि जब नमाज पढ़ने के लिए शुक्रवार को छुट्टी दी जा रही है, तो मंगलवार को भी हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए छुट्टी दी जाए।
उधर, हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि अगर उर्दू स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी हो रही है तो किसी और के पेट में दर्द क्यों हो रहा है? जिन लोगों को ऐसा लग रहा है कि बिहार के स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी हो रही है तो यही सवाल जम्मू-कश्मीर में क्यों नहीं पूछते हैं? उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के सभी स्कूल-कॉलेजों में शुक्रवार को ही छुट्टी होती है। क्या उर्दू स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने इसकी शिकायत की है?
इसबीच, कांग्रेस की ओर से भी शुक्रवार और रविवार को छुट्टी देने की बात को विवाद को गैर जरूरी बताया है। उन्होंने कहा कि एक व्यवस्था बनी हुई उसी के आधार पर छुट्टी होनी चाहिए। इस तरह के विवादों की वजह से जरूरी मुद्दे पीछे छूट जा रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने रविवार की सर्वमान्य छुट्टी का समर्थन करते हुए कहा कि ऐसे धार्मिक आधार पर छुट्टियों का समर्थन किया जाता रहा तो भारत जैसे बहुधार्मिक राष्ट्र में पूरे सप्ताह छुट्टी रहेगी।
उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे में सरकारी काम काज कैसे होगा? इन बयानबाजियों के बीच शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जिला शिक्षा अधिकारियों से ऐसे स्कूलों की लिस्ट मांगी है, जहां रविवार के बजाय शुक्रवार को छुट्टी रहती है।