महामारी में सिख व्यक्ति दोपहिया वाहन पर गलियों में 'लंगर' चला सैंकड़ों जरूरतमंदों का भर रहा पेट
By भाषा | Updated: May 1, 2021 15:34 IST2021-05-01T15:34:41+5:302021-05-01T15:34:41+5:30

महामारी में सिख व्यक्ति दोपहिया वाहन पर गलियों में 'लंगर' चला सैंकड़ों जरूरतमंदों का भर रहा पेट
नागपुर, एक मई महाराष्ट्र के नागपुर शहर में एक सिख व्यक्ति कोरोना वायरस महामारी से उपजे चिंताजनक हालात के दौरान भी अपने दोपहिया वाहन पर गली-गली घूमकर जरूरतमंद लोगों को मुफ्त में भोजन प्रदान कर रहा है। वह पिछले कुछ साल से यह काम कर रहा है।
पेशे से ज्योतिष जमशेद सिंह कपूर (41) सचल 'लंगर सेवा' के तहत रोजाना अपराह्न तीन बजे के बाद पांच घंटे तक सैंकड़ों लोगों को 'दाल खिचड़ी' प्रदान करते हैं।
'लंगर सेवा' लिखी टी-शर्ट पहने कपूर को शहर के विभिन्न स्थानों पर दाल खिचड़ी परोसते आसानी से देखा जा सकता है। उनके दोपहिया वाहन से भोजन सामग्री से भरा बर्तन बंधा रहता है।
लंगर का शाब्दिक अर्थ है सामुदायिक रसोई और इसी के तहत गुरुद्वारों में रोजाना शाकाहारी भोजन परोसा जाता है।
कपूर ने अपनी पहल के बारे में बात करते हुए 'पीटीआई-भाषा' से कहा कि वह नागपुर में 2013 से लंगर सेवा चला रहे हैं।
उन्होंने कहा, ''इससे पहले केवल कमजोर और गरीब लोग भोजन लेते थे, लेकिन महामारी और पाबंदियों के चलते छोटे भोजनालय बंद होने के कारण सभी तरह के लोग इस सेवा का लाभ उठाते हैं।''
उन्होंने कहा कि लोग उन्हें दाल और चावल दान करके सहयोग देते हैं ताकि वह जरूरतमंदों की सेवा जारी रखें।
कपूर ने एक घटना को याद करते हुए कहा कि उनसे भोजन लेने वाले एक भिखारी ने उन्हें कपड़ों का एक थैला दिया और कहा कि उसकी मौत के बाद इसे किसी जरूरतमंद को दे दिया जाए।
उन्होंने कहा, ''मैं कपड़ों का थैला घर ले आया। उसकी मौत के बाद जब मैंने उस थैले को खोला तो उसमें कपड़ों के साथ 25 हजार रुपये रखे थे, जिसका उसने कभी जिक्र नहीं किया था।'' कपूर ने कहा कि वह सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की याद में यह सेवा प्रदान कर रहे हैं, जिन्होंने साल 1512 में नागपुर का दौरा किया था और स्थानीय आदिवासियों को लंगर सेवा प्रदान की थी।
उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों के लिये हर समय लंगर सेवा का संचालन उनका सपना है।
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