पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी नासमझी की वजह से एकबार फिर हंसी का पात्र बने हैं। इमरान ने गुरुवार को 58 देशों के समर्थन का दावा किया था लेकिन UNHRC में भारत पाकिस्तान समेत कुल 47 देश ही सदस्य हैं। उनकी इस बात पर सोशल मीडिया पर भी खूब ट्रोल किया जा रहा है। भारत के विदेश मंत्रालय ने भी चुटकी ली है।
इमरान ने गुरुवार को ट्वीट किया, 'मैं उन 58 देशों की सराहना करता हूं जिन्होंने 10 सितंबर को मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान का साथ दिया है कि भारत कश्मीर में बल प्रयोग रोके, प्रतिबंध हटाए, कश्मीरियों के अधिकारों की रक्षा हो और संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के मुताबिक कश्मीर मुद्दे का समाधान किया जाए।'
इमरान के इस ट्वीट पर चुटकी लेते हुए पाकिस्तान की पत्रकार नायला इनायत ने कहा, 'क्या संयुक्त राष्ट्र का मानवाधिकार आयोग 47 देशों से मिलकर नहीं बना है? हालांकि, पीएम 58 देशों को धन्यवाद देना चाहते हैं। मुझे लगता है वे जिन्न भी गिन रहे हैं।'
इससे पहले पाकिस्तान ने UNHRC में दिए एक संयुक्त बयान में दावा किया था कि जम्मू कश्मीर मुद्दे पर उसे दुनिया भर के 60 देशों का समर्थन हासिल है। हालांकि उन देशों का नाम उजागर ना करने की वजह से पाकिस्तान के इस दावे पर सवाल खड़े हो गए थे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि यह पाकिस्तान, ऐसा देश जो “आतंकवाद का केंद्र’’ है। उसका “दुस्साहस’’ है कि वह जिनेवा में यूएनएचआरसी सत्र में मानवाधिकारों पर वैश्विक समुदाय की तरफ से बोलने का ढोंग कर रहा है। कुमार ने पाकिस्तान के उस दावे पर भी सवाल उठाए कि करीब 60 देशों ने जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति पर उसके संयुक्त बयान का समर्थन किया है।
पाकिस्तान के मुताबिक उसने यह संयुक्त बयान यूएनएचआरसी को सौंपा है। उन्होंने कहा, “यूएनएचआरसी में 47 सदस्य देश हैं। वे (पाकिस्तान) 60 देशों के समर्थन का दावा कर रहे हैं।” साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के पास उन देशों की सूची नहीं है जिनका समर्थन प्राप्त होने का पाकिस्तान दावा कर रहा है।