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कोरोना वायरस के उद्भव पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव : अध्ययन

By भाषा | Updated: February 6, 2021 17:05 IST

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नयी दिल्ली, छह फरवरी अनुसंधानकर्ताओं ने एक अध्ययन में कहा है कि हो सकता है कि नए कोरोना वायरस और 2002-03 में सामने आए सार्स विषाणु के उद्भव पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव हुआ हो। इसमें यह भी कहा गया है कि हरित गैसों के उत्सर्जन से पैदा हुए वैश्विक संकट से संभव है कि इन रोगाणुओं के वाहक चमगादड़ों की प्रजाति के विस्तार में बदलाव आया हो।

‘साइंस ऑफ द टोटल एनवायरन्मेंट’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में रेखांकित किया गया है कि दक्षिणी चीन के यून्नान प्रांत और पड़ोसी म्यांमा व लाओस जलवायु परिवर्तन के कारण चमगादड़ों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी वाले प्रमुख वैश्विक केंद्र हैं।

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों समेत अन्य वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह क्षेत्र दो विषाणुओं सार्स-सीओवी-1 और सार्स-सीओवी-2 के चमगादड़ जनित पूर्वजों की संभावित उत्पत्ति के साथ मेल खाता है।

पूर्व में हुए अध्ययनों के आधार पर अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि इस क्षेत्र में मौजूद कोरोना वायरस परिवार के विषाणुओं की संख्या स्थानीय चमगादड़ की प्रजातियों की प्रचुरता से काफी संबद्ध दिखती है।

उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे ये प्रजातियां समृद्ध होती हैं, इस बात की आशंका भी बढ़ सकती है कि इंसानों के लिए संभावित रूप से नुकसानदेह गुणों वाला एक कोरोना वायरस (सीओवी) भी इस “इलाके में मौजूद, संचारित या विकसित” होता है।

वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में लिखा है, “प्रजातियों की यह समृद्धि असल में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव की देन है जो पारिस्थितिकी आवासों की उपयुक्तता में बदलाव कर प्रजातियों के भौगोलिक वितरण को संचालित करती है जिससे कुछ इलाकों से ये प्रजातियां विलुप्त हो जाती हैं जबकि कुछ में इनका विस्तार देखने को मिलता है।”

इस अध्ययन में इस बारे में अनुमान लगाया गया है कि जलवायु परिवर्तन ने बीती शताब्दी में किस तरह चमगादड़ों की वैश्विक प्रजाति की समृद्धि को प्रभावित किया है।

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन से प्रभावित चमगादड़ों की वृद्धि का वैश्विक केंद्र संभावित तौर पर नए कोरोना वायरस और सार्स वायरस के चमगादड़ जनित पूर्वजों के मूल में हो सकता है।

अध्ययन में कहा गया है, “यह जलवायु परिवर्तन और दो विषाणुओं के उद्भव के बीच संभावित क्रियाविधिक संपर्क पेश करता है।”

वैज्ञानिकों के मुताबिक मध्य अफ्रीका, मध्य और दक्षिण अमेरिका के कुछ इलाकों और विशेष रूप से दक्षिणी चीन के यून्नान प्रांत और उसके पड़ोस में स्थित म्यांमा व लाओस में बीती एक शताब्दी के दौरान जलवायु परिवर्तन की वजह से चमगादड़ों की प्रजाति में महत्वपूर्ण रूप से वृद्धि देखने को मिली है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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