इम्फाल, आठ फरवरी मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को विधानसभा को अवगत कराया कि राज्य को पिछले साल इनर लाइन परमिट (आईएलपी) जारी करने से 2.5 करोड़ रुपये का राजस्व मिला।
उन्होंने कहा कि पिछले साल एक जनवरी से 31 दिसंबर तक 1,62,902 आईएलपी जारी करने से राज्य को 2,52,78,000 रुपये का राजस्व मिला।
इनर लाइन परमिट, भारतीय नागरिकों को सीमित समय के लिए संरक्षित क्षेत्र में यात्रा की अनुमति देने के लिए संबंधित राज्य सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला आधिकारिक यात्रा दस्तावेज है। राज्य से बाहर के लोगों को राज्य में आने के लिए आईएलपी लेना पड़ता है।
मणिपुर की 11 वीं विधानसभा के मौजूदा 12 वें सत्र के दौरान प्रश्न काल में उठाए गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि परमिट नवीकरण से राज्य को 7,75,400 रुपये का राजस्व मिला।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के बाद 11 दिसंबर 2019 को आईएलपी व्यवस्था को विस्तारित किया गया था। मणिपुर में यह एक जनवरी 2020 से लागू हुई थी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में घोषणा की थी कि पूर्वोत्तर के राज्य में आईएलपी को विस्तारित किया जाएगा। इसके बाद यह फैसला हुआ था। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की थी।
अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिजोरम के बाद मणिपुर ऐसा चौथा राज्य है जहां पर आईएलपी व्यवस्था लागू है।
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