हिंदुस्तान के किसानों के सामने अंग्रेज नहीं टिक पाए, तो मोदी कौन हैं : राहुल गांधी

By भाषा | Updated: February 12, 2021 18:05 IST2021-02-12T18:05:38+5:302021-02-12T18:05:38+5:30

If the British could not stand in front of the farmers of India, then who is Modi: Rahul Gandhi | हिंदुस्तान के किसानों के सामने अंग्रेज नहीं टिक पाए, तो मोदी कौन हैं : राहुल गांधी

हिंदुस्तान के किसानों के सामने अंग्रेज नहीं टिक पाए, तो मोदी कौन हैं : राहुल गांधी

पदमपुर (राजस्थान), 12 फरवरी केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश के किसान के सामने अंग्रेज नहीं टिक पाए तो नरेंद्र मोदी कौन हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि आज नहीं तो कल केंद्र सरकार को इन कानूनों को वापस ही लेना पड़ेगा।

गांधी गंगानगर जिले के पदमपुर कस्बे में किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। किसान आंदोलन को पूरे देश का आंदोलन बताते हुए उन्होंने कहा कि इसका दायरा अभी और बढ़ेगा।

केंद्र सरकार द्वारा किसानों की कानून वापस लेने की मांग नहीं मानने की ओर इशारा करते हुए गांधी ने कहा, ‘‘यह शर्म की बात है। यह आंदोलन फैलेगा। यह आंदोलन किसानों से शहरों में फैलेगा। इसलिए मैं नरेंद्र मोदी से कह रहा हूं कि उन्हें किसानों की बात सुन लेनी चाहिए। अंत में करना ही पड़ेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘' हिंदुस्तान के किसान, मजदूरों के सामने अंग्रेज नहीं टिक पाए तो नरेंद्र मोदी कौन हैं। कानून तो वापस लेने ही पड़ेंगे। इसलिए कह रहा हूं कि आज ले लो ताकि देश आगे बढ़े ... लेकिन जिद कर रहे हैं।’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि देश का किसान और मजदूर आने वाले दिनों में प्रधानमंमत्री को अपनी शक्ति दिखा देगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ पूरा हिंदुस्तान खड़ा है। उन्होंने कहा कि यह हिंदुस्तान का आंदोलन है बस किसान ने अंधेरे में दिया जलाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी आंदोलनरत किसानों को तीन विकल्प देने की बात करते हैं और ये तीन विकल्प हैं 'पहला भूख, दूसरा बेरोजगारी और तीसरा आत्महत्या’।’’

गांधी ने कहा कि खेती से देश में करोड़ों लोग जुड़े हुए हैं। यह सिर्फ किसानों का नहीं, इसमें किसान हैं छोटे दुकानदार, मजदूर, व्यापारी, मंडी पल्लेदार व आढतिया व करोड़ों लोग हैं कृषि कार्य करते हैं। यह 40 लाख करोड़ रुपये का कारोबार है। यह दुनिया का सबसे बड़ा कारोबार है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस कारेाबार में और भारत के बाकी कारोबार में फर्क है। बाकी कारोबार में एक या दो उद्योगपतियों का नियंत्रण होता है। लेकिन यह एक व्यापार है जिसे करोड़ों लोग चलाते हैं और यह किसी एक का नहीं है। ये एक बिजनेस है जो भारत माता का बिजनेस है। पूरे देश का और इसमें हिंदुस्तान के 40 प्रतिशत लोगों का व्यापार है।’’

गांधी ने आरोप लगाया कि अगर केन्द्र के नए कृषि कानूनों को लागू किया गया तो इसका फायदा किसानों, मजदूरों, मध्यम वर्ग या उपभोक्ताओं को नहीं बल्कि दो तीन अरबपति उद्योगपतियों को होगा। उन्होंने कहा कि मोदी इस व्यापार को दो तीन लोगों के हाथ में देना चाहते हैं इसलिए ये कानून लाए गए हैं।

उनके अनुसार कोरोना काल में जब सारे धंधे ठप हो गए कृषि ही ऐसा व्यापार था जो बंद नहीं हुआ। किसान ने हिंदुस्तान को बचाया। गांधी ने कहा कि जब उन्होंने आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए संसद में कुछ पल का मौन रखा तो 'भाजपा एक सांसद एक मंत्री आधे मिनट के लिए खड़े नहीं हुए... जो शर्म की बात है।

उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण काल में बेहतर प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व राज्य सरकार को बधाई दी।

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