जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने मंगलवार (31 दिसंबर) को 28वें थल सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला। वह 13 लाख सैनिकों वाले बल का नेतृत्व करेंगे। पद संभालने के बाद नए सेनाध्यक्ष का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान पर हमला बोला। बता दें, नरवाने ने यह कार्यभार ऐसे समय में संभाला है जब भारत सीमा पार से आतंकवाद और सीमा पर चीन की ओर से मिल रही सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने कहा, 'यदि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को नहीं रोकता है, तो हम आतंकी खतरे के स्रोतों पर स्ट्राइक करने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं। हमने प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ पूर्ण दंडात्मक प्रतिक्रिया की रणनीति विकसित की है।'
उप सेना प्रमुख नियुक्त होने से पहले जनरल नरवाने सेना की पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे जो चीन के साथ लगती भारत की लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी सीमा की रक्षा करती है। जनरल नरवाने के कार्यभार संभालने के साथ ही नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और भारतीय वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया समेत सभी तीनों सेनाओं के प्रमुख राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 56वें कोर्स से हो गए हैं।
अपनी 37 वर्षों की सेवा में जनरल नरवाने जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर में शांति और उग्रवाद विरोधी अभियानों तथा कई कमानों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वह जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन तथा पूर्वी मोर्चे पर इंफेंट्री ब्रिगेड में भी सेवा दे चुके हैं। इसके अलावा वह श्रीलंका में भारतीय शांति रक्षा बल का हिस्सा रह चुके हैं और उन्होंने तीन साल तक म्यामां में भारतीय दूतावास में भारत के रक्षा अताशे के रूप में भी सेवा दी।
उनकी नियुक्ति जून 1980 में सिख लाइट इंफेंट्री रेजीमेंट की सातवीं बटालियन में हुई थी। जनरल एक ऐसा अधिकारी होता है जिसे ‘सेना पदक’ से सम्मानित किया गया होता है। उन्हें नगालैंड में असम राइफल्स (उत्तर) के महानिरीक्षक के तौर पर उनकी सेवाओं के लिए ‘विशिष्ट सेवा पदक’ और प्रतिष्ठित स्ट्राइक कोर का नेतृत्व करने के लिए ‘अति विशिष्ट सेवा पदक’ भी मिल चुका है। (समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)