अगर कोविड-मरीजों के 50 प्रतिशत बिस्तर खाली पड़े हैं तो सरकार तत्काल इसकी समीक्षा करे: अदालत

By भाषा | Updated: December 9, 2020 19:51 IST2020-12-09T19:51:57+5:302020-12-09T19:51:57+5:30

If 50 per cent of the beds of Kovid-patients are empty, the government should review it immediately: court | अगर कोविड-मरीजों के 50 प्रतिशत बिस्तर खाली पड़े हैं तो सरकार तत्काल इसकी समीक्षा करे: अदालत

अगर कोविड-मरीजों के 50 प्रतिशत बिस्तर खाली पड़े हैं तो सरकार तत्काल इसकी समीक्षा करे: अदालत

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि यदि निजी अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के लिए तय पचास प्रतिशत आईसीयू बिस्तर खाली पड़े हैं तो 80 प्रतिशत आईसीयू बिस्तरों को कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए रखने के निर्णय पर तत्काल पुनर्विचार किया जाना चाहिए।

निजी अस्पतालों के एक संघ के वकील की ओर से अदालत में कहा गया कि कोविड-19 के मरीजों के लिए आरक्षित 5,081 आईसीयू बिस्तरों में से 2,360 बिस्तर मंगलवार तक खाली पड़े थे और दिल्ली सरकार के 12 सितंबर के आदेश को जारी रखने के समर्थन में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया।

न्यायमूर्ति नवीन चावला ने याचिकाकर्ता संस्था ‘एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स’ की दलीलों पर दिल्ली सरकार से 15 दिसंबर के पहले जवाब दाखिल करने को कहा है।

सुनवाई के दौरान, दिल्ली सरकार के वकील संजय घोष ने अदालत से आग्रह किया कि मामले पर 10 दिन बाद सुनवाई की जाए क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की स्थिति में सुधार हो रहा है और सरकार 10 दिन बाद इसकी समीक्षा करेगी।

उन्होंने कहा कि 12 सितंबर के आदेश में दिल्ली के 33 निजी अस्पतालों को 80 प्रतिशत बिस्तर कोविड-19 के मरीजों के लिए आरक्षित रखने को कहा गया था और इस आदेश को जारी रखने की समीक्षा की जानी चाहिए।

इस पर ‘एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स’ की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि यह केवल मामले को टालने की तरकीब है और सरकार कुछ नहीं करेगी।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की वेबसाइट के अनुसार आठ दिसंबर तक, निजी अस्पतालों में 1,527 कोविड-19 आईसीयू बिस्तर वेंटिलेटर वाले हैं जिनमें से 508 बिस्तर खाली पड़े हैं तथा 3,554 कोविड-19 बिस्तर बिना वेंटिलेटर के हैं जिनमें से 1,852 बिस्तर रिक्त हैं।

सिंह द्वारा दिए गए आंकड़ों पर गौर करने के बाद अदालत ने कहा कि यदि 50 प्रतिशत बिस्तर खाली पड़े हैं तो इसकी समीक्षा तत्काल होनी चाहिए न कि दस दिन बाद।

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