कोविड-19 के प्रसार का आकलन करने के लिए आईसीएमआर करेगा राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण : स्वास्थ्य मंत्रालय
By भाषा | Updated: June 11, 2021 21:12 IST2021-06-11T21:12:44+5:302021-06-11T21:12:44+5:30

कोविड-19 के प्रसार का आकलन करने के लिए आईसीएमआर करेगा राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण : स्वास्थ्य मंत्रालय
नयी दिल्ली, 11 जून केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि देश में कोविड-19 के प्रसार का आकलन करने के लिए आईसीएमआर चौथे चरण का राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण करेगा लेकिन सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि सभी भौगौलिक क्षेत्रों से सूचना एकत्र की जा सके।
संवाददाता सम्मेलन में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा कि रोजाना सामने आने वाले मामलों और उपचाराधीन मरीजों की संख्या में हो रही कमी से लगता है कि देश में कोविड की स्थिति स्थिर हो रही है तथा संक्रमण दर अब कम होकर करीब पांच प्रतिशत रह गई है।
हालांकि, उन्होंने लोगों से कोविड-19 अनुकूल व्यवहार और सामाजिक दूरी के नियम का अनुपालन करते रहने का आह्वान किया।
पॉल ने कहा, ‘‘ आईसीएमआर इस महीने से अगले चरण का सीरो सर्वेक्षण करेगा जिससे कोविड-19 के प्रसार का आकलन करने में मदद मिलेगी। लेकिन हम अपने भौगोलिक क्षेत्रों को बचाना चाहते हैं तो हमें अकेले एक राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को भी अपने स्तर पर सीरो सर्वेक्षण करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।’’
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक, 21 राज्यों के 70 जिलों में सीरो सर्वेक्षण किया जाएगा और इसमें छह साल से अधिक उम्र के बच्चों को भी शामिल किया जाएगा।
कोविड-19 के सुधरते हालात के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि सात मई को संक्रमण के चरम पर पहुंचने के बाद से कोविड-19 के दैनिक नए मामलों में 78 प्रतिशत की कमी आई है। वहीं साप्ताहिक संक्रमण दर में भी 30 अप्रैल से 6 मई के उच्चतम स्तर 21.6 प्रतिशत के मुकाबले 74 प्रतिशत की कमी आई है।
अधिकारी ने रेखांकित किया कि 10 मई के चरम के बाद उपचाराधीन मरीजों की संख्या में करीब 70 प्रतिशत की कमी आई है जो करीब 26.2 लाख से अधिक है।
केंद्र ने रेखांकित किया कि संक्रमण की श्रृंखला तोड़ने से सुनिश्चित होता है कि स्वास्थ्य अवसंरचना पर कम दबाव पड़े और बेहतर देखभाल मिले।
पॉल ने कहा, ‘‘कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। एक जगह लोगों को जमा होने या भीड़ लगाने से बचना चाहिए क्योंकि अब तक सामान्य स्थित नहीं आई है।’’
अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) द्वारा भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके ‘कोवैक्सीन’ को आपात इस्तेमाल मंजूरी (ईयूए) देने से इनकार करने के सवाल पर मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम प्रत्येक देश की नियामकीय प्रणाली का सम्मान करते हैं लेकिन इसका असर भारत के टीकाकरण कार्यक्रम पर नहीं पड़ेगा।’’
यूएसएफडीए के इनकार से कोवैक्सीन के इस्तेमाल की अमेरिका में शुरुआत में संभवत: देर हो सकती है। यूएसएफडीए ने भारतीय टीका निर्माता के अमेरिकी साझेदार ओक्यूजेन इंक से ‘अनुशंसा’ की है कि वह अतिरिक्त समय के साथ बायोलॉजिक्स लाइसेंस एप्लीकेशन (बीएलए) के रास्ते आए।
इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए पॉल ने कहा कि प्रत्येक देश की अपनी नियामकीय प्रणाली होती है जिसका भारत सम्मान करता है और उम्मीद करता है कि उत्पादक उन अर्हताओं को पूरा करेंगे, जिनकी वहां जरूरत है।
पॉल ने कहा कि अगले सात-आठ दिनों में कोवैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण के आंकड़े भी प्रकाशित हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अगले छह महीनों में बायोलॉजिकल ई टीका आ सकता है और जायडस कैडिला का डीएनए टीका भी आने की संभावना है, जिनोवा आरएनए टीका और जे ऐंड जे का उत्पादन यहां हो सकता है।
‘ टीका पासपोर्ट’ के मुद्दे पर अग्रवाल ने कहा कि इस मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन से तकनीकी बातचीत चल रही है।
विदेश यात्रा के बारे में उन्होंने कहा कि दुनिया भर में यात्रा से पहले जांच कराने पर ध्यान है और यह परिपाटी जारी रहेगी।
कोविशील्ड टीके की पहली और दूसरी खुराक दिए जाने के बीच की अवधि बढ़ाने के मुद्दे पर अधिकारी ने कहा कि मौजूदा सबूतों के आधार पर यह अवधि बढ़ाई गई है लेकिन जिन्हें विदेश जाना है उनके लिए नियम बदले गए हैं ताकि एक महीने के बाद वे दूसरी खुराक लेकर जा सकें।
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