चीन के साथ तनाव पर बोले वायु सेना प्रमुख, 'आकस्मिक स्थिति से निपटने को तैयार, हम जानते हैं चीन के अड्डे कहां है'
By भाषा | Updated: June 21, 2020 05:54 IST2020-06-21T05:54:50+5:302020-06-21T05:54:50+5:30
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने कहा कि चीनी बलों के साथ झड़प के दौरान हमारे सैनिकों की वीरता ने किसी भी कीमत पर अपने देश की संप्रभुता की रक्षा करने के संकल्प को दर्शाया है।

Air Chief Marshal Rakesh Kumar Singh Bhadauria (File Photo)
हैदराबाद: वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने शनिवार (19 जून) को हैदराबाद में कहा कि भारतीय वायु सेना चीन के साथ लगती सीमा पर किसी भी सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए ‘‘पूरी तरह तैयार है’’ और ‘‘उपयुक्त जगह पर तैनात है।’’ पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेना के बीच हिंसक झड़प के बाद फिर से संघर्ष छिड़ने की आशंकाओं के बीच उन्होंने यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना चीन की वायुसेना की क्षमता, उनके हवाई अड्डे, संचालनात्मक अड्डे और क्षेत्र में उनकी तैनाती से पूरी तरह अवगत है। उन्होंने कहा कि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए उनकी सेना ने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। यहां डुंडीगल में वायुसेना अकादमी (एएफए) में संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वायुसेना लक्ष्य पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और वह लद्दाख की गलवान घाटी में हमारे शूरवीरों के बलिदान को कभी व्यर्थ नहीं जाने देगी।
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने कहा- मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम लक्ष्य पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने परेड के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘किसी भी स्थिति के जवाब में हमें जो भी जरूरत होती है उस मुताबिक उड़ान भरते हैं। इसमें जरूरत पड़ने पर लड़ाकू हवाई गश्ती भी शामिल है।’’ उनसे पूछा गया था कि क्या भारतीय वायुसेना लद्दाख में लड़ाकू हवाई गश्त कर रही है। लड़ाकू हवाई गश्त के तहत विशिष्ट मिशनों के लिए सशस्त्र लड़ाकू विमानों को कम समय में रवाना किया जा सकता है। भारतीय वायुसेना ने काफी संख्या में सुखोई 30 एमकेआई, जुगआर, मिराज 2000 विमानों, अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को लेह और श्रीनगर सहित कई मुख्य हवाई अड्डों पर पिछले चार दिनों के अंदर तैनात किया है।
गलवान घाटी में 15 जून को पांच दशकों में चीन के साथ अब तक के सबसे बड़े सैन्य टकराव की पृष्ठभूमि में वायु सेना प्रमुख ने कहा कि बल किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए कि हम पूरी तरह तैयार हैं और किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिये उपयुक्त जगह पर तैनात हैं। मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम लक्ष्य पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं तथा गलवान के अपने शूरवीरों का बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाने देंगे।’’
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ने चीन को लेकर जानें और क्या-क्या कहा?
-बाद में पत्रकारों से बातचीत में आर के एस भदौरिया ने कहा, ‘‘हम पूरी स्थिति से अवगत हैं। चाहे एलएसी हो या एलएसी के अलावा तैनाती हो। हमारे पास पूरा आकलन है और हमने इस तरह की तैनाती से पैदा होने वाली किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाया है।’’ उन्होंने कहा कि देशभर में भारतीय वायु सेना के अड्डों पर वे सभी आवश्यक कदम उठाए गए है जो स्थिति से निपटने के लिए जरूरी हैं।
-उन्होंने चीनी हवाई अड्डों से संबंधित सवाल पर कहा, ‘‘हम जानते हैं उनके (चीनी) अड्डे कहां है। हम जानते हैं उनके हवाई क्षेत्र कहां हैं, उनकी तैनाती कहां है, उनके संचालनात्मक अड्डे कहां हैं।’’ भदौरिया ने कहा, ‘‘सैन्य वार्ता के दौरान हुए समझौतों के बाद चीन की अस्वीकार्य कार्रवाई और उसके परिणामस्वरूप जान के नुकसान के बावजूद सभी प्रयास यह सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे थे कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति शांतिपूर्ण तरीके से हल हो जाए।’’
-यह पूछे पर कि क्या भारत का चीन के साथ युद्ध चल रहा है, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘आप सैन्य स्तर पर हो रही वार्ता से अवगत हैं लेकिन हम किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार हैं।’’ उन्होंने कहा कि चीन हर साल विवादित इलाके में तैनाती और अभ्यास करता है लेकिन इस बार गतिविधि बढ़ी है और कुछ बदलाव हुए हैं जिन पर नजर रखी जा रही है।
-भदौरिया ने कहा, ‘‘हमारे क्षेत्र में सुरक्षा परिदृश्य हमारे सशस्त्र बलों को हर समय तैयार और सतर्क रहने को कहता है। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति इस बात का छोटा सा नजारा है कि बेहद कम समय में स्थिति से निपटने के लिए हमें क्या करने की जरूरत है।’’
चीन के साथ लगती 3500 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास सभी अग्रिम अड्डों को भारतीय वायुसेना ने किया अलर्ट
भारतीय वायुसेना ने चीन के साथ लगती 3500 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास सभी अग्रिम अड्डों को अलर्ट कर दिया है और संघर्ष के बाद तैयारियों के तहत लड़ाकू विमान और हमलावर हेलीकॉप्टर जैसे अतिरिक्त संसाधनों की तैनाती की है।
भारतीय वायुसेना प्रमुख ने बुधवार को लेह अड्डे का दौरा किया था जहां उन्होंने बल की संचालनात्मक तैयारियों की समीक्षा की थी। गलवान में हुए संघर्षों को देखते हुए सरकार ने बुधवार को भारतीय सेना और वायुसेना के अग्रिम अड्डों को हाई अलर्ट पर कर दिया।
भारत और चीन की सेनाओं के बीच पांच मई के बाद से पूर्वी लद्दाख के गलवान और कई अन्य इलाकों में गतिरोध जारी है । पांच मई को पैंगोग सो के तट पर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई थी। सीमा गतिरोध को दूर करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक वार्ता जारी है।

