IAF Air Strike: इजराइल की मदद से भारत कर पाया एयर स्ट्राइक, ब्रिटिश एक्सपर्ट ने गिनाई वजहें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 28, 2019 20:23 IST2019-02-28T20:23:33+5:302019-02-28T20:23:33+5:30
ब्रिटिश एक्सपर्ट रॉबर्ट से ने लिखा के पिछले चार महीनों से इजराइल भारत की राष्ट्रवादी बीजेपी सरकार के साथ मिलकर अप्रत्यक्ष तौर पर काम कर रहा है। भारत इजराइली हथियारों के लिए सबसे बड़ा बाजार बन गया है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
IAF Air Strike: क्या इजराइल के बलबूते भारत पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की कारगुजारियों से निपटने में सक्षम हैं? दरअसल, ईराक-सीरिया और लेबनान समेत कई युद्धों में रिपोर्टिंग कर चुके मध्य एशिया के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार रॉबर्ट फिस्क ने यूके की अंग्रेजी समाचार वेबसाइट इंडिपेंडेंट पर एक लेख लिखा है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कार्रवाई में इजराइल के निशान हर जगह हैं।
रॉबर्ट ने लिखा, ''जब मैंने पहली खबर सुनी, मुझे लगा कि इजराइल ने गाजा या सीरिया पर एयर रेड कर दी। आतंकी कैंप पर एयर स्ट्राइक पहला शब्द था। हमें बताया गया कि एक कमांड और कंट्रोल सेंटर तबाह हो गया और कई आतंकी मारे गए। सेना अपने सैनिकों पर हुए "आतंकवादी हमले" के लिए जवाबी कार्रवाई कर रही थी। एक इस्लामिक जिहादी कैंप को तबाह कर दिया गया। फिर मैंने बालाकोट का नाम सुना और महसूस किया कि यह कार्रवाई न तो गाजा में की गई, न सीरिया में और न ही लेबनान में, लेकिन पाकिस्तान में की गई। यह विचित्र बात है, कोई कैसे इजराइल और भारत को मिक्स अप कर सकता है।''
रॉबर्ट से ने लिखा के पिछले चार महीनों से इजराइल भारत की राष्ट्रवादी बीजेपी सरकार के साथ मिलकर अप्रत्यक्ष तौर पर काम कर रहा है। भारत इजरायली हथियारों के लिए सबसे बड़ा बाजार बन गया है। उन्होंने लिखा कि भारतीय मीडिया ने यह बात जोरशोर से कही है कि पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ भारतीय वायुसेना की स्ट्राइक में इजराइल निर्मित रफाल स्पाइस-2000 स्मार्ट बम इस्तेमाल किए गए।
रॉबर्ट ने लिखा कि इजराइल में बने और सप्लाई किए गए जीपीएस गाइडेड बमों की मदद से पाकिस्तान में 300-400 आतंकी मारे गए। उन्होंने लिखा कि 2017 में भारत इजराइल का सबसे बड़ा आर्म्स क्लाइंट था। उन्होंने लिखा कि भारत ने 530 मिलियन पाउंड (आज के करीब 4995 करोड़ 60 लाख रुपये) में जो इजराइली एयर डिफेंस, रडार सिस्टम, गोला-बारूद, एयर टू ग्राउंड मिसाइलें खरीदी थीं, उनमें से ज्यादातर को फिलिस्तीनियों और सीरिया में लक्ष्य को भेदने और आक्रमण करने के लिए इस्तेमाल किया गया था।