ओडिशा के केंद्रपाड़ा में सदियों पुराने मंदिर को निगल गईं विशाल समुद्री लहरें

By भाषा | Updated: August 3, 2021 16:26 IST2021-08-03T16:26:55+5:302021-08-03T16:26:55+5:30

Huge sea waves swallowed up the centuries-old temple in Odisha's Kendrapara | ओडिशा के केंद्रपाड़ा में सदियों पुराने मंदिर को निगल गईं विशाल समुद्री लहरें

ओडिशा के केंद्रपाड़ा में सदियों पुराने मंदिर को निगल गईं विशाल समुद्री लहरें

केंद्रपाड़ा (ओडिशा), तीन अगस्त केंद्रपाड़ा की तटरेखा को दशकों से छिन्न-भिन्न करते, एक के बाद एक गांव को निगलते भयावह समुद्र ने हाल में सदियों पुराने पंचूवराही मंदिर को धराशयी कर दिया। इस घटना से स्थानीय लोगों की उम्मीदों को झटका लगा है जो प्राकृतिक संकट से राहत पाने को लेकर यहां प्रार्थना करते थे।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने 2018 में समुद्र तट से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित बागपतिया में पुनर्वास कॉलोनी में करीब 571 संवेदनशील परिवारों को पुनर्स्थापित किया था।

उन्होंने बताया कि समुद्र के कटाव से विस्थापित हुए लोगों के लिए यह राज्य में इस तरह की पहली पुनर्वास और पुनर्स्थापना पहल थी।

समुद्र की जद में आए ज्यादातर हिस्से के बावजूद, गृहनगर से दूर होने के बाद भी इसके कुछ निवासी समय-समय पर सातभाया गांव आकर पंचुवरही मंदिर में दर्शन करते थे जिसके अंदर की भगवान की मूर्ति भी पुनर्वास कॉलोनी में पुनर्स्थापित कर दी गई थी।

इसके पूर्व निवासियों में से एक, बसंत साहनी ने कहा कि स्थानीय लोग सातभाया गांव में मंदिर को "मानवीय उपस्थिति के अंतिम प्रत्यक्ष संकेत" के रूप में देखते थे।

उन्होंने दुख जताया, “इस मंदिर के नष्ट हो जाने के बाद, हमारी आखिरी उम्मीद भी चली गई कि समुद्र अपना प्रकोप खत्म कर देगा।”

जिले में राजनगर तहसील के एक अधिकारी ने बताया कि सातभाया और कन्हुपूर गांवों के लोग अन्य स्थानों की तुलना में सुरक्षित स्थान पर जाना चाहते थे जहां के कुछ लोग नये इलाके में नहीं जाना चाहते थे।

उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों से विचार-विमर्श के बाद, बागपतिया में पुनर्वास कॉलोनी बसाई गई।

मंदिर के न्यासी एवं राजकणिका के पूर्ववर्ती शाही परिवार के वंशज शिवेंद्र नारायण भंजादेव ने कहा कि मंदिर के धंसने के साथ ही सातभाया ने अपनी पहचान खो दी है।

भंजादेव ने कहा, “समुद्र और मंदिर के बीच की दूरी तीन दशक पहले करीब तीन किलोमीटर थी। अब समुद्र ने सदियों पुराने मंदिर को पूरी तरह निगल लिया है। सभी व्यावहारिक मकसदों के लिए, सातभाया ने अब अपनी भोगौलिक पहचान खो दी है।

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Web Title: Huge sea waves swallowed up the centuries-old temple in Odisha's Kendrapara

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