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एचपीएससी भर्ती घोटाला : सुरजेवाला ने उच्च न्यायालय की निगरानी में एसआईटी से जांच की मांग की

By भाषा | Updated: November 23, 2021 18:13 IST

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चंडीगढ़, 23 नवंबर कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को मांग की कि एचपीएससी भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच एक विशेष जांच दल द्वारा पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में करायी जानी चाहिए ।

सुरजेवाला ने यह भी दावा किया कि हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) द्वारा दंत चिकित्सकों की भर्ती में कथित घोटाला ‘‘व्यापम घोटाले से भी बड़ा’’ है।

व्यापम घोटाला मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड (व्यावसायिक शिक्षा मंडल या व्यापम) द्वारा व्यावसायिक पाठ्यक्रमों और राज्य सेवाओं में प्रवेश के लिए आयोजित परीक्षाओं में अनियमितताओं से जुड़ा है।

हरियाणा भर्ती मुद्दे पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव सुरजेवाला ने कहा, ‘‘एचपीएससी के उप सचिव अनिल नागर और अन्य की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट हो गया है कि यह देश का सबसे बड़ा नौकरी घोटाला है। उन्होंने कहा, ‘‘यह व्यापम घोटाले से भी बड़ा है।’’

पिछले हफ्ते, नागर और दो अन्य को राज्य सतर्कता ब्यूरो ने सितंबर में दंत चिकित्सकों की भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों के अंकों में कथित रूप से हेरफेर करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। नागर पर आरोप है कि उन्होंने करोड़ों रुपये की रिश्वत मांगी और स्वीकार की।

सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा योग्यता, पारदर्शिता बरतने और ‘‘खर्ची-पर्ची (रिश्वत, पक्षपात)’’ नहीं होने के दावे नाकाम हो गए हैं। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि इस नए घोटाले के अलावा राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार के पिछले सात वर्षों के दौरान ‘पेपर लीक’ के 32 और मामले सामने आए हैं। सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि यह सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में (नवीनतम घोटाले की) एसआईटी जांच करायी जाए।’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि एचपीएससी और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) को तत्काल भंग किया जाना चाहिए क्योंकि ये भर्ती घोटालों के केंद्र बन गए हैं और नए निकायों का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भी मांग करते हैं कि एचपीएससी और एचएसएससी को बिना किसी देरी के भंग कर दिया जाए ताकि स्वतंत्र जांच की जा सके।’’

सुरजेवाला ने कहा कि किसी भी नयी भर्ती से पहले विशेषज्ञों का एक पैनल बनाया जाना चाहिए और लागू होने से पहले उनकी सिफारिशों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि खट्टर नीत सरकार ने भर्ती में सुधार के नाम पर भर्ती आयोगों और परीक्षाओं के संचालन, दोनों का लगभग निजीकरण कर दिया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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