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‘‘हनी ट्रैप’’ में फंस सकते हैं राजनेताओं, नौकरशाहों समेत कई रसूखदार, निजी पलों के वीडियो के जरिये धमका कर ठेके दिलाने की भी जांच

By भाषा | Updated: September 22, 2019 06:03 IST

एसएसपी ने कहा, "पुलिस को संदेह है कि गिरोह में कुछ और महिलाएं शामिल हैं। (नगर निगम अफसर के अलावा) अन्य लोग भी गिरोह के कारण पीड़ित हो सकते हैं।" गिरोह के गिरफ्तार आरोपियों में आरती दयाल, मोनिका यादव, श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा सोनी तथा उनका ड्राइवर ओमप्रकाश कोरी शामिल है।

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ठळक मुद्देपुलिस अधिकारी ने विशिष्ट जानकारी दिये बगैर तसदीक की कि गिरोह के "शिकार" लोगों में राजनेता और आला सरकारी अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं।पुलिस ने इन्दौर नगर निगम के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर जांच के बाद बृहस्पतिवार को "हनी ट्रैप" गिरोह का औपचारिक खुलासा किया था।

मध्यप्रदेश पुलिस के हत्थे चढ़े "हनी ट्रैप" (मोहपाश) गिरोह के जाल में राजनेताओं और आला सरकारी अधिकारियों समेत कई प्रभावशाली लोगों के फंसने का संदेह है। पुलिस ने इस मामले में गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह लोगों को इन्दौर और भोपाल से गिरफ्तार किया है। 

मामले की जांच से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम जाहिर न किये जाने की शर्त पर शनिवार को बताया, "आरोपियों से बरामद ऑडियो-विजुअल सामग्री और उनसे पूछताछ के आधार पर हमें संदेह है कि गिरोह पिछले एक दशक में कई लोगों को मोहपाश में फंसा चुका है।" 

पुलिस अधिकारी ने विशिष्ट जानकारी दिये बगैर तसदीक की कि गिरोह के "शिकार" लोगों में राजनेता और आला सरकारी अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। इनमें से ज्यादातर लोग भोपाल से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने आरोपों के हवाले से बताया कि गिरोह खासकर सत्ता प्रतिष्ठानों में बैठे लोगों और नौकरशाहों को महिलाओं के जरिये जाल में फांसता था। फिर खुफिया कैमरों से उनके अंतरंग पलों के वीडियो बनाकर इस आपत्तिजनक सामग्री के बूते उनसे धन उगाही करता था। 

अधिकारी ने बताया कि गिरोह के खिलाफ इस पहलू पर भी जांच की जा रही है कि क्या उसने निजी पलों के वीडियो के जरिये रसूखदारों को धमका कर कुछ गैर सरकारी संगठनों को शासकीय ठेके दिलाये हैं। 

गौरतलब है कि पुलिस ने इन्दौर नगर निगम के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर जांच के बाद बृहस्पतिवार को "हनी ट्रैप" गिरोह का औपचारिक खुलासा किया था। पुलिस ने गिरोह के छह गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 14 लाख रुपये नकद, महंगी गाड़ी, पेन ड्राइव, मोबाइल फोन, लैपटॉप आदि सामान बरामद किया है। इस बीच, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रुचिवर्धन मिश्रा ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से बरामद उपकरणों को जांच के लिये अपराध विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। 

इन उपकरणों से डिलीट कर दिये गये डेटा को तकनीक के जानकारों की मदद से दोबारा हासिल करने की कोशिश भी की जायेगी। उन्होंने बताया कि लोगों को मोहपाश में फांसने के लिये इस्तेमाल होटलों के अलावा, आरोपियों की पृष्ठभूमि, उनके संपर्कों और बैंक खातों के बारे में विस्तृत जांच की जा रही है। 

एसएसपी ने कहा, "पुलिस को संदेह है कि गिरोह में कुछ और महिलाएं शामिल हैं। (नगर निगम अफसर के अलावा) अन्य लोग भी गिरोह के कारण पीड़ित हो सकते हैं।" गिरोह के गिरफ्तार आरोपियों में आरती दयाल, मोनिका यादव, श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा सोनी तथा उनका ड्राइवर ओमप्रकाश कोरी शामिल है।

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