मसूरी स्थित ऐतिहासिक सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस जीर्णोद्धार के बाद जनता के लिए खोला गया

By भाषा | Updated: December 7, 2021 20:37 IST2021-12-07T20:37:52+5:302021-12-07T20:37:52+5:30

Historic Sir George Everest House in Mussoorie opened for public after renovation | मसूरी स्थित ऐतिहासिक सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस जीर्णोद्धार के बाद जनता के लिए खोला गया

मसूरी स्थित ऐतिहासिक सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस जीर्णोद्धार के बाद जनता के लिए खोला गया

देहरादून, सात दिसंबर विश्व की सबसे उंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट की सही ऊंचाई मापने वाले प्रसिद्ध भूगोलवेत्ता और सर्वेक्षक सर जॉर्ज एवरेस्ट के मसूरी स्थि​त मकान को जीर्णोद्वार के पश्चात मंगलवार को जनता के लिए खोल दिया गया।

मसूरी के हाथीपांव में 172 एकड जमीन पर ​स्थित सर जॉर्ज एवरेस्ट हाऊस का लोकार्पण करने के बाद प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह प्रदेश के प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में जाना जाएगा और दुनिया भर के पर्यटक इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में यहां आयेंगे।

उन्होंने कहा कि माउंट एवरेस्ट की पहली बार सही ऊंचाई और स्थिति बताने वाले सर एवरेस्ट के मकान का लोकार्पण करते हुए उन्हें अपार प्रसन्नता हो रही है।

महाराज ने कहा कि एवरेस्ट हाउस की जर्जर हालत को देखकर उन्होंने फिर से इसे पुराने स्वरूप में खड़ा करने का संकल्प लिया था जो आज पूरा हो गया। भवन के जीर्णोद्धार का कार्य 18 जनवरी 2019 को प्रारंभ किया गया था।

अपने जीवन का एक लंबा अरसा मसूरी में गुजारने वाले वेल्स के इस सर्वेक्षक एवं भूगोलवेत्ता ने पहली बार एवरेस्ट की सही ऊंचाई और स्थिति बताई थी।इसलिए ब्रिटिश सर्वेक्षक एंड्रयू वॉ की सिफारिश पर सन 1865 में इस शिखर का नामकरण उनके नाम पर किया गया। पहले इस चोटी को 'पीक-15' नाम से जाना जाता था।

सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस के आवासीय परिसर से लगभग 50 मीटर दूरी पर उनकी वेधशाला (ऑब्जर्वेटरी) भी है जिसका निर्माण सन 1832 में किया गया था।

एवरेस्ट हाउस और उसके आसपास के क्षेत्र के जीर्णोद्वार का कार्य 23.69 करोड़ की लागत से उत्तराखंड पर्यटन संरचना विकास निवेश कार्यक्रम के तहत एशियन डेवलपमेंट बैंक के वित्त पोषण से किया गया। ज्यादातर काम पूरा हो चुका है जबकि शेष काम भी जल्दी ही पूरा कर लिया जाएगा।

आवास के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए उसका जीर्णोद्वार सीमेंट की जगह चक्की में पीस कर बनाए गए विशेष मिश्रण से किया गया जिसके लिए चूना, सुर्खी, मेथी और उड़द की दाल को पानी के साथ पीसकर लेप बनाया गया।

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Web Title: Historic Sir George Everest House in Mussoorie opened for public after renovation

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