जय युवा आदिवासी संगठन (जयस) के अध्यक्ष डॉ. हीरालाल अलावा को मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने के बाद से वे नाराज हैं. नाराज अलावा के पत्र का राहुल गांधी ने जवाब नहीं दिया तो उन्होंने अब उनसे मिलने का समय मांगा है.डा. अलावा का कहना है कि उन्होंने कांग्रेस ने उनसे किया वादा पूरा नहीं किया है.
डॉ. अलावा ने बुधवार को राहुल गांधी के कार्यालय से उनसे मुलाकात करने का समय मांगा है. उनका कहना है कि मैंने मंत्रिमंडल गठन की जब कवायद चल रही थी, तब प्रदेश के नेताओं के साथ-साथ राहुल गांधी तक भी सूचना दी थी कि कांग्रेस की जीत में जयस ने जो योगदान दिया था, अब कांग्रेस को अपना वादा पूरा करना चाहिए. अलावा राज्य सरकार में मंत्री पद चाहते थे.
उनका कहना था कि उन्होंने एमबीबीएस किया है, इस लिहाज से वे चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री बनना चाहते हैं. वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए स्पष्ट किया कि मंत्रिमंडल गठन के तहत यह तय किया गया था कि पहली बार के विधायकों को मंत्री नहीं बनाया जाएगा.
डॉ. अलावा पहली बार के विधायक थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 55 ऐसे विधायक हैं, जो पहली बार जीत कर आए हैं, ऐसे में अन्य विधायक को भी नाराजगी का सामना हमें करना पड़ सकता था.
उल्लेखनीय है कि राज्य में जयस के साथ समझौत कर कांग्रेस ने एक सीट पर डा. अलावा को मनवार सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बनाया था. इस सीट पर जीत तो मिली साथ ही मालवा-निमाड़ वाली सीटों पर भी जयस के चलते कांग्रेस को सफलता हासिल हुई, जिसके कारण मालवा-निमाड़ में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा.
सपा उपाध्यक्ष ने कहा सपा, बसपा को मिले स्थान
समाजवादी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र लिखा है. बघेल ने पत्र में यह आशंका जताई कि मध्यप्रदेश में असंतुलित मंत्रिमंडल के गठन के बाद से राज्य में राजनैतिक अस्थिरता का दौर शुरू हो सकता है और कांग्रेस का विधानसभा अध्यक्ष बनना भी मुश्किल दिखाई दे रहा है.
अस्थिरता का फायदा उठाकर कमलनाथ सरकार को भाजपा कभी भी गिरा सकती है, जो कि मध्यप्रदेश राज्य के हित मे नही होगा. बघेल ने कमलनाथ से मध्यप्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में सपा, बसपा और तीन निर्दलीय सहित अन्य क्षेत्रों के उपेक्षित विधायको को तत्काल मंत्री बनाये जाने की मांग की है.