असम के मंत्री ने कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- राज्य सचिवालय पर हमले में युवा कांग्रेस के अध्यक्ष और एएसयूआई के एक कार्यकर्ता शामिल थे
By भाषा | Updated: December 18, 2019 04:04 IST2019-12-18T04:04:34+5:302019-12-18T04:04:34+5:30
हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि एसआईटी की अगुवाई महानिरीक्षक (सीआईडी) करेंगे और राज्य सरकार केंद्र से इस जांच में सहयोग के लिए सीबीआई या एनआईए से एक अधिकारी नियुक्त करने की अपील करेगी।

असम के मंत्री ने कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- राज्य सचिवालय पर हमले में युवा कांग्रेस के अध्यक्ष और एएसयूआई के एक कार्यकर्ता शामिल थे
असम के मंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार सचिवालय और श्रीमंत शंकरदेव कालकक्षेत्र की हिंसक घटनाओं की जांच के लिए एसआईटी बनाएगी। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं में युवा कांग्रेस के अध्यक्ष और एएसयूआई के एक कार्यकर्ता शामिल थे।
शर्मा ने कहा कि एसआईटी की अगुवाई महानिरीक्षक (सीआईडी) करेंगे और राज्य सरकार केंद्र से इस जांच में सहयोग के लिए सीबीआई या एनआईए से एक अधिकारी नियुक्त करने की अपील करेगी। उन्होंने 11 दिसंबर की घटना की तस्वीरें दिखाते हुए कहा, ‘‘ हमारे पास दिसपुर में जीएस रोड पर राज्य सचिवालय पर हमले में असम युवा कांग्रेस के अध्यक्ष कमर-उल इस्लाम चौधरी की संलिप्तता का साक्ष्य है।’’
राज्य के वित्त एवं स्वास्थ्य मंत्री ने आरोप लगाया कि चौधरी ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की गुवाहाटी यात्रा के लिए तैयार किये गये मंच में आग लगायी थी। आबे की यात्रा प्रदर्शन के चलते बाद में रद्द कर दी गयी थी।
शर्मा ने कहा, ‘‘राज्य सचिवालय पर हमला एक बड़ी साजिश है जिसकी हम सीबीआई से जांच करवाना चाहते हैं। हम इस संबंध में शीघ्र ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे।’’ किसी का नाम लिये बगैर उन्होंने कहा कि सरकार के पास इस बात का सबूत है कि केंद्रीय शिक्षण संस्थान में कार्यरत एक अकादमिक विद्वान इन सभी चीजों पर नजर रख रहा था।
उन्होंने कहा कि पंजाबारी क्षेत्र में कालकक्षेत्र में जो दूसरी घटना घटी उसमें एनएसयूआई के एक कार्यकर्ता के शामिल होने का सबूत है। एनएसयूआई कांग्रेस की छात्र शाखा है। शर्मा ने कहा, ‘‘मैं एक बात बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि ये दोनों आसू और कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों के लोकतांत्रिक प्रदर्शन से भिन्न हैं।
हिंसा की इन घटनाओं को आसू को, न कि राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए की अंजाम दिया गया।’’ उन्होंने बुधवार को कार्य रोकने की घोषणा कर चुके राज्य सरकार के कर्मचारियों से लोकतांत्रिक प्रदर्शन करने, और राजनीतिक दलों के असामाजिक आंदोलनों या प्रदर्शन में शामिल नहीं होने की अपील की।
मंत्री ने यह घोषणा भी की कि सरकार काम बहिष्कार करने वाले कर्मचारियों का पैसा नहीं काटेगी बल्कि उनकी छुट्टी आकस्मिक छुट्टी में समायोजित कर दी जाएगी। उन्होंने सरकारी चिकित्सकों और शिक्षकों से ड्यूटी के दौरान किसी भी प्रकार के प्रदर्शन का हिस्सा नहीं बनने की भी अपील की। भाषा राजकुमार माधव माधव