हिमाचल प्रदेश विस ने आपातकाल के दौरान जेल गए लोगों को मानदेय के लिए विधेयक पारित किया

By भाषा | Updated: March 20, 2021 22:58 IST2021-03-20T22:58:44+5:302021-03-20T22:58:44+5:30

Himachal Pradesh Vis passed bill for honorarium to those jailed during emergency | हिमाचल प्रदेश विस ने आपातकाल के दौरान जेल गए लोगों को मानदेय के लिए विधेयक पारित किया

हिमाचल प्रदेश विस ने आपातकाल के दौरान जेल गए लोगों को मानदेय के लिए विधेयक पारित किया

शिमला, 20 मार्च हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने शनिवार को राज्य के उन लोगों को मानदेय देने के लिए एक विधेयक पारित किया, जो 1975 में लगाए गए राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान सामाजिक या राजनीतिक कारणों से जेल गए थे।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ‘हिमाचल प्रदेश लोकतंत्र प्रहरी सम्मान विधेयक, 2021’ पेश करते हुए कहा कि अभी तक 81 लाभार्थियों की पहचान की गई है जिन्हें ‘‘लोकतंत्र प्रहरी’’ नाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि 15 दिनों तक कारावास के मामले में उन्हें 8,000 रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने 15 दिन से अधिक समय जेल में व्यतीत किया है, उन्हें 12,000 रुपये दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक आपातकाल के दौरान कई लोगों ने मौलिक अधिकारों की रक्षा और लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी थी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उन लोगों को मानदेय देने का फैसला किया है जिन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए सक्रिय रूप से शामिल हुए और जेल गए थे। उन्होंने कहा कि मृतक ‘‘लोकतन्त्र प्रहरियों’’ के जीवन साथी भी मानदेय के पात्र होंगे।

ठाकुर ने कहा कि आवेदकों के दावों पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह व्यक्ति जिसे नैतिक रूप से गलत कामों के लिए अदालत ने दंडित किया था, वे मानदेय के लिए अयोग्य होंगे।

विधेयक पर चर्चा के दौरान, कांग्रेस विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुझाव दिया कि आपातकाल के दौरान तोड़फोड़ के लिए जेल में बंद लोगों को मानदेय नहीं दिया जाना चाहिए।

सुक्खू ने मांग की कि ‘‘लोकतंत्र प्रहरी’’ शब्द को बदल दिया जाना चाहिए क्योंकि यह एक व्यापक शब्द है जिसमें आरटीआई कार्यकर्ता और पत्रकार जैसे लोग भी शामिल हैं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा से जुड़े लोगों को ही मानदेय दिया जाएगा।

ठाकुर ने जवाब दिया कि 1975 में भाजपा अस्तित्व में नहीं थी और इसके खिलाफ आवाज उठाने वाले विभिन्न वैचारिक पृष्ठभूमि के लोगों को मानदेय दिया जाएगा जिसमें जिनमें पत्रकार भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि आपातकाल की अवधि के दौरान, हमारे देश में लोकतंत्र को कुचल दिया गया था। उन्होंने कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों ने उन लोगों को सम्मानित करने के लिए इस तरह के कानून बनाए हैं जिन्होंने उनके खिलाफ आवाज उठायी थी।

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Web Title: Himachal Pradesh Vis passed bill for honorarium to those jailed during emergency

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