शिमला, चार अगस्त हिमाचल प्रदेश में गुपचुप तरीके से नियुक्तियों के आरोपों पर चर्चा के लिये स्थगन प्रस्ताव पेश करने की अनुमति नहीं मिलने पर बुधवार को कांग्रेस विधायक विधानसभा से बहिर्गमन कर गए।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायक प्रश्नकाल को बाधित कर मुद्दे पर चर्चा के लिये स्थगन प्रस्ताव पेश करने की मांग करने लगे।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, कांग्रेस विधायक आशा कुमारी, इंदर दत्त लखनपाल और धनी राम शांडिल ने कहा कि राज्य सरकार कथित तौर पर गुपचुप तरीके से नियुक्तियां कर बेरोजगार युवाओं के भविष्य से खेल रही है।
हालांकि विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कांग्रेस को स्थगन प्रस्ताव पेश करने की अनुमति नहीं दी। इसपर कांग्रेस विधायकों ने हंगामा किया और विरोधस्वरूप सदन से बाहर चले गए।
परमार ने कहा कि कांग्रेस ने नियम 62 के तहत स्थगन प्रस्ताव के लिए कोई नोटिस नहीं दिया।
मुख्यमंत्री व नेता सदन जयराम ठाकुर ने कहा कि नियम 62 के तहत स्थगन प्रस्ताव केवल तत्काल सार्वजनिक महत्व के मामले के लिए प्रस्तुत किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी नियुक्तियां नियमानुसार की जा रही हैं। कांग्रेस विधायक बताएं कि उसके शासन काल में कितनी नियुक्तियां गुपचुप तरीके से हुईं।
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