नयी दिल्ली, 29 दिसंबर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने बुधवार को देश के उच्च शिक्षण संस्थानों से आह्वान किया कि वे छात्रों के बीच नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को विकसित करने और संकाय सदस्यों को नवोन्मेषकों तथा लीक से हटकर सोचने वाले विचारकों, समस्याओं के रचनात्मक समाधानकर्ताओं तथा रोजगार सृजनकर्ताओं के रूप में तैयार करने के लिए ठोस प्रयास करें।
शिक्षा राज्य मंत्री सरकार ने अटल रैंकिंग ऑफ इंस्टीट्यूशन्स ऑन इनोवेशन एचीवमेंट्स (एआरआईआईए) जारी करते हुए यह बात कही।
वर्ष 2025 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नवोन्मेष को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए सरकार ने कहा कि संस्थानों को नवाचार और अनुसंधान की संख्या से अधिक ध्यान इनकी गुणवत्ता पर देना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘यह आत्मनिर्भर भारत को सही मायनों में प्राप्त करने में मददगार होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल के काशी दौरे में जो तीन संकल्प लिए थे, ‘नवोन्मेष पर जोर’ उनमें से एक है। दो अन्य संकल्प ‘स्वच्छ भारत’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ हैं। इन वादों को ध्यान में रखते हुए, नवोन्मेष ही इकलौता मार्ग है उनकी पूर्ति के लिए। इसलिए हमें हमारे शैक्षणिक संस्थानों में नवोन्मेष और उद्यमशीलता को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देना चाहिए।’’
सरकार ने कहा कि भारत उन देशों में से एक है जिनकी उच्च शिक्षा प्रणाली सबसे ज्यादा व्यापक है।
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