नयी दिल्ली, 19 मई पेट्रोलियम मंत्रालय ने चक्रवाती तूफान ताउते के दौरान ओएनजीसी के लिए काम करने वाली एक ठेकेदार कंपनी के तीन बजरे समुद्र में फंस जाने से जुड़े घटनाक्रम के मामले में पड़ताल के लिए बुधवार को एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया।
ओएनजीसी के लिए पश्चिमी तटीय क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी एफकॉन्स के तीन बजरे भीषण तूफान के दौरान समुद्र में फंस गये थे। इन पर 600 से ज्यादा लोग सवार थे।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इनके फंसने और बाद के घटनाक्रम में कई लोगों की जान चली गयी।
घटनाक्रम की जांच करने के लिए गठित समिति में पोत परिवहन महानिदेशक अमिताभ कुमार, हाइड्रोकार्बन्स के महानिदेशक एससीएल दास और रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव एन जाफरी शायिन शामिल हैं।
समिति में अन्य किसी सदस्य को भी शामिल किया जा सकता है और जरूरत पड़ने पर अन्य लोगों की मदद ली जा सकती है।
मंत्रालय ने अधिक ब्योरा नहीं दिया और कहा, ‘‘समिति एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।’’
मंत्रालय के अनुसार समिति से इन बजरों के समुद्र में फंसने से जुड़े घटनाक्रम के मामले में पड़ताल करने को कहा गया है।
बयान के अनुसार समिति इस बारे में भी पता लगाएगी कि ‘‘क्या मौसम विज्ञान विभाग और अन्य प्राधिकारों की चेतावनियों पर समुचित तरीके से ध्यान दिया गया और कार्रवाई की गयी या नहीं।’’
समिति यह भी पता लगाएगी कि क्या बजरों को सुरक्षित रखने तथा आपदा प्रबंधन से संबंधित मानक परिचालन प्रक्रियाओं का सही तरह से पालन किया गया था या नहीं।
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