देशमुख के खिलाफ परमबीर सिंह की जनहित याचिका पर 31 मार्च को सुनवाई करेगा उच्च न्यायालय

By भाषा | Updated: March 30, 2021 15:12 IST2021-03-30T15:12:00+5:302021-03-30T15:12:00+5:30

High court to hear Parambir Singh's PIL against Deshmukh on March 31 | देशमुख के खिलाफ परमबीर सिंह की जनहित याचिका पर 31 मार्च को सुनवाई करेगा उच्च न्यायालय

देशमुख के खिलाफ परमबीर सिंह की जनहित याचिका पर 31 मार्च को सुनवाई करेगा उच्च न्यायालय

मुंबई, 30 मार्च बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह की उस जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा, जिसमें महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच कराए जाने का अनुरोध किया गया है।

सिंह ने आरोप लगाया है कि देशमुख ने पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को बार एवं रेस्तरां से 100 करोड़ रुपए एकत्र करने को कहा था।

जनहित याचिका में राज्य में पुलिस स्थानांतरण और पदस्थापना में कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठाया गया है।

सिंह की ओर से मंगलवार को पेश हुए वरिष्ठ वकील विक्रम ननकानी ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ के समक्ष इस याचिका का उल्लेख किया और इस पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया।

न्यायमूर्ति दत्ता ने ननकानी से पूछा कि याचिका में क्या अनुरोध किया गया गया है और क्या यह सुनवाई के योग्य है।

ननकानी ने कहा कि याचिका में राज्य के एक मंत्री के खिलाफ एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के लगाए गंभीर आरोपों की सीबीआई जांच कराने का मुख्य रूप से अनुरोध किया गया है।

ननकानी ने कहा, ‘‘हम याचिका के सुनवाई योग्य होने के संबंध में अदालत को अपनी दलीलों से संतुष्ट करेंगे।’’

इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी।

आईपीएस अधिकारी ने शुरुआत में उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसने मामले को गंभीर बताते हुये कहा था कि उन्हें पहले उच्च न्यायालय जाना चाहिए।

सिंह ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर देशमुख पर लगाए गए आरोपों को दोहराया और राकांपा नेता के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से “तत्काल, पूर्वाग्रह रहित और निष्पक्ष” जांच कराने का अनुरोध किया।

सिंह ने उच्च न्यायालय से सीबीआई को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया कि वह देशमुख के आवास से इस साल की शुरुआत की सीसीटीवी फुटेज उसे ‘‘नष्ट’’ किए जाने से पहले सुरक्षित करे। इसके साथ ही याचिका में यह अनुरोध भी किया गया है कि वह राज्य सरकार को यह निर्देश भी दे कि वह आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला से मार्च 2020 से हुए सभी संवाद को रिकॉर्ड के तौर पर पेश करे।

जनहित याचिका में आरोप लगाया गया कि शुक्ला ने पिछले साल फरवरी में देशमुख के खिलाफ पुलिसकर्मियों की तैनाती और स्थानांतरण में कदाचार का आरोप लगाया था और अपने वरिष्ठों को भी इस बारे में जानकारी दी थी, लेकिन इसके बाद जल्द ही उनका स्थानांतरण हो गया।

इसमें कहा गया कि अदालत को यह सुनिश्चित करने के लिये आदेश पारित करना चाहिए कि भविष्य में किसी पुलिस अधिकारी का स्थानांतरण “किसी नेता के आर्थिक लाभ” के लिये न हो।

जनहित याचिका में यह आरोप भी लगाया गया कि देशमुख ने दादरा नगर हवेली के सांसद मोहन देलकर की कथित खुदकुशी मामले की जांच में हस्तक्षेप किया और उन पर मामले में भाजपा नेताओं को फंसाने के लिये दबाव डाला।

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त ने देशमुख पर पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण एवं तैनाती में “भ्रष्टाचार” में शामिल होने का आरोप लगाया है।

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Web Title: High court to hear Parambir Singh's PIL against Deshmukh on March 31

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