दिल्ली की नयी आबकारी नीति के खिलाफ नयी याचिका पर सुनवाई से उच्च न्यायालय का इनकार

By भाषा | Updated: July 14, 2021 15:24 IST2021-07-14T15:24:35+5:302021-07-14T15:24:35+5:30

High Court refuses to hear new petition against Delhi's new excise policy | दिल्ली की नयी आबकारी नीति के खिलाफ नयी याचिका पर सुनवाई से उच्च न्यायालय का इनकार

दिल्ली की नयी आबकारी नीति के खिलाफ नयी याचिका पर सुनवाई से उच्च न्यायालय का इनकार

नयी दिल्ली, 14 जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार की नयी आबकारी नीति 2021-22 को चुनौती देने वाली नयी याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए बुधवार को कहा कि यह मामला पहले से ही विचाराधीन है। दिल्ली शराब बिक्री संघ ने यह याचिका दाखिल की थी।

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि रेडीमेड प्लाजा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की इसी तरह की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई कर रही है। अदालत ने निर्देश दिया कि एसोसिएशन की याचिका को भी 22 जुलाई को उस पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।

न्यायाधीश ने कहा, “मुख्य न्यायाधीश के आदेशों के तहत इसे 22 जुलाई को (मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष) सूचीबद्ध करें।''

दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और अधिवक्ता संतोष कुमार त्रिपाठी ने अदालत को सूचित किया कि नयी आबकारी नीति 2021-22 के खिलाफ रेडीमेड प्लाजा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की याचिका मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष लंबित है, जिसपर 9 अगस्त को अगली सुनवाई होनी है।

सिंघवी ने कहा, “उस याचिका पर (इस महीने की शुरुआत में) 20 मिनट तक सुनवाई हुई। रोक लगाने को अस्वीकार कर दिया गया था।”

एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ता अर्णव चटर्जी ने अदालत से मामले को नौ अगस्त के बजाय बृहस्पतिवार को ही मुख्य न्यायाधीश के समक्ष सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया। हालांकि अदालत ने मामले को सुनवाई के लिये 22 जुलाई को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।

एसोसिएशन ने कहा कि नयी नीति आत्म-विरोधाभासी, आत्म-विनाशकारी और दिल्ली आबकारी अधिनियम, 2009 व भारत के संविधान के विपरीत है।

खुदरा शराब विक्रेताओं के एक समूह रेडीमेड प्लाजा द्वारा याचिका दायर की गई है, जिन्होंने कहा है कि वे पिछले 15 वर्षों से दिल्ली में खुदरा शराब की दुकानें चला रहे हैं।

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा था कि नयी आबकारी नीति के तहत दिल्ली को 32 जोन में बांटा जाएगा और एक व्यक्ति दो जोन के लिए बोली लगा सकता है और इस नीति से कुछ बड़े लोगों का एकाधिकार हो जाएगा।

उन्होंने तर्क दिया था, “सभी छोटे खुदरा विक्रेताओं को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। दिल्ली सरकार का जोर बड़े लोगों के एकाधिकार पर है। यह उन छोटे लोगों के खिलाफ है, जिनके पास पिछले कई वर्षों से लाइसेंस है।

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Web Title: High Court refuses to hear new petition against Delhi's new excise policy

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