उच्च न्यायालय का महाराष्ट्र सरकार को कोवैक्सिन के उत्पादन के लिए बायोवेट को निर्माण संयंत्र सौंपने का निर्देश

By भाषा | Updated: May 10, 2021 19:15 IST2021-05-10T19:15:39+5:302021-05-10T19:15:39+5:30

High court directs Government of Maharashtra to hand over manufacturing plant to Biovate for production of covaxine | उच्च न्यायालय का महाराष्ट्र सरकार को कोवैक्सिन के उत्पादन के लिए बायोवेट को निर्माण संयंत्र सौंपने का निर्देश

उच्च न्यायालय का महाराष्ट्र सरकार को कोवैक्सिन के उत्पादन के लिए बायोवेट को निर्माण संयंत्र सौंपने का निर्देश

मुंबई, 10 मई बंबई उच्च न्यायालय ने भारत बायोटेक की सहयोगी कंपनी बायोवेट प्राइवेट लिमिटेड को कोवैक्सिन के उत्पादन के लिए पुणे में 12 हेक्टेयर के भूखंड पर पूर्ण रूप से परिचालन और उपयोग के लिए तैयार टीका निर्माण संयंत्र को अपने अधिकार में लेने की अनुमति दे दी है।

भारत बायोटेक कोविड-19 का टीका कोवैक्सिन का उत्पादन कर रहा है।

न्यायमूर्ति के के तातेड़ और न्यायमूर्ति एन आर बोरकर की खंडपीठ ने छह मई को कर्नाटक के बायोवेट प्राइवेट लिमिटेड एक याचिका पर सुनवाई की थी। इस याचिका में महाराष्ट्र सरकार को पुणे के मंजरी खुर्द गांव में स्थित विनिर्माण इकाई का कब्जा सौंपने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

इस निर्माण इकाई का उपयोग इंटरवेट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है, जो मर्क एंड कंपनी की एक बहुराष्ट्रीय और सहायक कंपनी है, जिसे 1973 में मुंहपका-खुरपा रोग (फुट एंड माउथ डिजीज) का टीका बनाने के लिए जमीन दी गई थी।

बायोवेट ने जब इसके स्थानांतरण के लिए सरकार की मंजूरी मांगी, तो उप वन संरक्षक (पुणे संभाग) ने बताया कि यह एक आरक्षित वन है और 1973 में दी गई प्रारंभिक मंजूरी भी सही नहीं थी।

बायोवेट ने तब इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दिया और एक अंतरिम आवेदन में सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि वह उसे मुंहपका-खुरपा रोग (फूट एंड माउथ डिजीज) के साथ-साथ कोवैक्सिन के निर्माण के लिए लाइसेंस और अनुमति दे।

बायोवेट की ओर से अधिवक्ता आर डी सोनी ने दलील दी कि इस भूमि का कब्जा देने में विलंब की वजह से इस इकाई और इसमें लगे संयंत्र बेकार पड़े हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी इस जमीन पर काइेर् दावा नहीं करेगी और यह आश्वासन देगी कि इसका इस्तेमाल सिर्फ कोवैक्सीन के निर्माण के लिये होगा।

राज्य के महाधिवक्ता आसुतोष कुंभकोणि ने न्यायालय से कहा कि महाराष्ट्र सरकार को इस पर कोई आपत्ति नहीं है अगर कंपनी इस इकाई का इस्तेमाल कोवैक्सीन सहित जीवन रक्षक वैक्सीन के निर्माण के लिये करती है और भविष्य में इस जमीन पर किसी प्रकार का दावा नहीं करेगी।

अदालत ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति को ध्यान में रखते हुये संबंधित प्राधिकारियों को यह निर्देश दिया जाता है कि वे वैक्सीन निर्माण के लिये तैयार बीएसएल-3 सुविधा का शांतिपूर्ण तरीके से कब्जा सौंप दें।

अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह आवेदन बायोवेट को समयबद्ध तरीके से उचित लाइसेंस, अनुमति और अनापत्ति प्रमाण पत्र दे ताकि कंपनी कोवैक्सीन और दूसरी जीवन रक्षक वैक्सीनों का उत्पादन कर सके।

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Web Title: High court directs Government of Maharashtra to hand over manufacturing plant to Biovate for production of covaxine

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