स्वास्थ्य मंत्रालय ने मेक इन इंडिया वेंटिलेटर वाली मीडिया रिपोर्टों को बताया आधारहीन

By भाषा | Updated: May 14, 2021 22:54 IST2021-05-14T22:54:51+5:302021-05-14T22:54:51+5:30

Health Ministry reports make in India ventilator media reports baseless | स्वास्थ्य मंत्रालय ने मेक इन इंडिया वेंटिलेटर वाली मीडिया रिपोर्टों को बताया आधारहीन

स्वास्थ्य मंत्रालय ने मेक इन इंडिया वेंटिलेटर वाली मीडिया रिपोर्टों को बताया आधारहीन

नयी दिल्ली 14 मई केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्टों को आधारहीन और त्रुटिपूर्ण करार दिया है जिसमें इस बात का दावा किया गया है कि 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में बने वेंटिलेटर ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को ऐसी मीडिया रिपोर्टों को खारिज करते हुए कहा कि पिछले वर्ष महामारी की शुरुआत में देश में उपलब्ध वेंटिलेटरों की संख्या काफी सीमित थी और देश में भी वेंटिलेटर का निर्माण काफी कम हो रहा था। इसके अलावा विदेश के अधिकतर आपूर्तिकर्ता ऐसी स्थिति में नहीं थे कि भारत को वेंटिलेटर की आपूर्ति कर सकें।

इसी कारण मौजूदा स्थिति और देश में बढ़ती हुई मांग को देखते हुए स्थानीय निर्माताओं को मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत वेंटिलेटर बनाने के लिए कहा गया।

उपलब्ध सीमित समय के भीतर वेंटिलेटर के नमूनों के तकनीकी और अन्य पहलुओं की जांच करने के अलावा विशेषज्ञों की सलाह के बाद ही मंजूरी प्रदान की गयी। उनके नमूनों की गहन जांच के बाद निर्माण की अनुमति दी गयी और उसके बाद ही आपूर्ति की गयी।

मंत्रालय ने कहा कि कुछ ऐसे राज्य हैं जिन्हें वेंटिलेटर मिल चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें इस्तेमाल में लाया नहीं गया है। इस संबंध में केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने 11 अप्रैल को सात ऐसे राज्यों को पत्र भी लिखा था। ऐसे राज्यों को जल्द से जल्द वेंटिलेटर उपयोग में लाने की सलाह दी गयी है।

मंत्रालय के मुताबिक ज्योति सीएनसी की ओर से निर्मित वेंटिलेटर ही औरंगाबाद मेडिकल कॉलेज को दिए गए। ज्योति सीएनसी मेक इन इंडिया के तहत वेंटिलेटर का निर्माण करने वाली एक इकाई है।

कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत बनाए गए वेंटिलेटर सही ढंग से काम नहीं कर रहे हैं।

ज्योति सीएनसी की ओर से औरंगाबाद मेडिकल कॉलेज को 150 वेंटिलेटर दिए गए थे जिसमें से 100 वेंटिलेटरों की पहली खेप 19 अप्रैल 2021 को पहुंची। उनमें से 45 वेंटिलेटर को मेडिल कॉलेज में लगा दिया गया।

स्वास्थ्य मंत्रालय के वक्तव्य के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों के निर्देश पर 20 वेंटिलेटर को एमजीएम अस्पताल में पुन: लगवाया गया जिसके बारे में ज्योति सीएनसी को कोई जानकारी नहीं दी गयी थी।

दरअसल, कुछ निजी अस्पतालों में लगाए गए वेंटिलेटर ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे हैं जिस पर स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि वेंटिलेटर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लगाने के लिए विशेषज्ञों की जरुरत होती है और इसमें तकनीकी दक्षता का विशेष महत्व होता है।

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Web Title: Health Ministry reports make in India ventilator media reports baseless

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