Hathras Stampede Case: मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
By आकाश चौरसिया | Updated: July 6, 2024 17:56 IST2024-07-06T17:27:35+5:302024-07-06T17:56:57+5:30
Hathras Stampede Case: हादसे में मुख्य आरोपी और भोले बाबा का सेवादार देव प्रकाश मधुकर को सीजीएम कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

फाइल फोटो
Hathras Stampede Case: 2 जुलाई को हुए सत्संग हाथरस भगदड़ घटना के मुख्य आरोपी और भोले बाबा का सेवादार देव प्रकाश मधुकर को शहर की सीजीएम कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा। हालांकि, आज खुद मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के कुछ घंटे के बाद ही मीडिया के जरिए सामने आकर 'भोले बाबा' उर्फ सूरजपाल सिंह जाटव ने अपने अनुयायियों से अपील करते हुए कहा था कि इस अपराध के दोषी को माफ नहीं किया जाएगा और बड़ी कार्रवाई की बात कही थी। गौरतलब है कि इस मामले में करीब 121 लोगों की जान गई और अन्य लोगों का अस्पताल में इलाज जारी है।
#WATCH | Hathras, UP: Dev Prakash Madhukar, main accused in Hathras stampede sent to 14-day judicial custody by CJM court. pic.twitter.com/HM1fzIwAca
— ANI (@ANI) July 6, 2024
हाथरस भगदड़ मामले में मुख्य आरोपी के गिरफ्तार होने के बाद चुप्पी तोड़ते हुए भोले बाबा ने घटना को व्यथित करने वाला करार दिया था। इसके साथ ही उनके प्रति सांत्वाना प्रकट की थी, जिनके परिवार वालों ने अपनों का या तो खो दिया या उनका इलाज जारी है। बाबा का पूरा समागम हाथरस जिले के फुलारी गांव में 2 जुलाई 2024 को घटित हुआ था। इस हादसे के दिन कुल 250,000 लोग शामिल हुए थे जबकि आदेश ये था कि सिर्फ 80,000 लोग ही इस समागम में सम्मलित हों।
"Culprits won't be spared", says 'Bhole Baba' on Hathras stampede, urges people to have faith in government probe
— ANI Digital (@ani_digital) July 6, 2024
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इसके साथ बाबा ने कहा था कि उसने अपने वकील एपी सिंह के माध्य से समिति के सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे शोक संतप्त परिवारों और घायलों के साथ खड़े रहें और जीवन भर उनकी मदद करें।
फिलहाल हादसे के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है, जिसमें मुख्य रूप से पूर्व चीफ जस्टिस ब्रीजेश कुमार श्रीवास्तव लीड में रहेंगे। साथ ही सरकार ने साफ कर दिया है कि हादसे की जांच पूरी पारदर्शिता के साथ करवाएं। आयोग अगले दो महीने तक भगदड़ की घटना की जांच करेगा और फिर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा।