यूपी के बुलंदशहर में हाथरस जैसी घटना! गैंगरेप के बाद लड़की की हत्या, परिवार का आरोप- पुलिस ने रात में जबरन कराया अंतिम संस्कार
By विनीत कुमार | Published: February 2, 2022 09:39 AM2022-02-02T09:39:41+5:302022-02-02T09:44:21+5:30
बुलंदशहर में एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप और हत्या के बाद उसका जबरन और जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कराए जाने का मामला सामने आया है। परिवार का आरोप है कि पुलिस की धमकाकर रात में लड़की का अंतिम संस्कार कराया।
मेरठ: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 16 साल की एक लड़की की कथित तौर पर गैंगरेप और हत्या के बाद परिवारवालों ने पुलिस पर जबरन और जल्दबाजी में उसका अंतिम संस्कार कराए जाने का आरोप लगाया है। परिवार का आरोप है कि वे इससे पहले कि अंतिम संस्कार की तैयार कर पाते, पुलिस ने रात में जल्दबाजी में इसे पूरा करा दिया।
मामले को लेकर मंगलवार को काफी विरोध प्रदर्शन भी हुआ। वहीं, इस घटना ने 2020 की हाथरस की घटना की यादें भी ताजा कर दी हैं जब स्थानीय प्रशासन द्वारा 19 साल की दलित लड़की का आधी रात को अंतिम संस्कार करा दिया गया था।
'पुलिस के डराने की वजह से चुप रहा परिवार'
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार एक ग्रामीण ने बताया, 'सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि घटना 21 जनवरी को हुई लेकिन पुलिस के डराने-धमकाने की वजह से परिवार चुप रहा। बात फैली और जब कुछ नेताओं ने ट्वीट किए, फिर पूरी बात सामने आ सकी।' आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने भी इस घटना को लेकर ट्वीट किया है।
लड़की के पिता ने कहा कि कुछ पुलिसवालों ने 'हमें रात में अंतिम संस्कार के लिए बाध्य किया। हमें ठीक तरह से सभी रीति रिवाजों को करने का मौका भी नहीं मिला।' मामले में आईपीसी और पॉस्को एक्ट के तहत एक एफआईआर भी दर्ज की गई है। चार में से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पीड़िता के पिता ने क्या कहा?
पीड़िता का परिवार ओबीसी से आता है। पिता ने बताया कि उसकी बेटी की ऊंचे जाति के एक लड़के से दोस्ती थी। लड़का कथित तौर पर लड़की के गांव आया और उसे अपने साथ घूमने के लिए चलने को कहा। लड़की ने सहमति दी और उसकी बाइक पर बैठ गई।
पिता के मुताबिक, 'बाद में मुझे पुलिस से फोन आया कि मेरी बेटी का शव गांव के बाहरी इलाके में एक ट्यूबवेल के पास पड़ा है। मैं मौके पर पहुंचा, लेकिन जब तक मैं पहुंचा वे उसके शव को पोस्टमॉर्टम हाउस ले जा चुके थे। हमें लगभग 24 घंटे के बाद शव दिया गया और तुरंत उसका अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया गया।'
वहीं, बुलंदशहर के एसएसपी संतोष सिंह ने कहा कि पुलिस ने 'कभी भी परिवार को लड़की का अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर नहीं किया' और इस मामले का 'राजनीतिकरण' किया जा रहा है।