हरियाणा: खतरे में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी, पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा के पार्टी आलाकमान पर बनाया दबाव

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: August 25, 2019 08:46 IST2019-08-25T08:46:52+5:302019-08-25T08:46:52+5:30

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: कुमारी शैलजा को मिल सकती है कमान ऐसी उम्मीद है कि तंवर की अध्यक्ष पर से छुट्टी होने की सूरत में हरियाणा में पार्टी की बागडोर पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा के हाथों में दी जा सकती है. तंवर और शैलजा, दोनों ही अनुसूचित जाति से हैं.

Haryana: The pressure on the party high command of former CM Bhupendra Hooda, chair of Congress state president Dr. Ashok Tanwar in danger | हरियाणा: खतरे में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी, पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा के पार्टी आलाकमान पर बनाया दबाव

समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद हुड्डा अपनी अगली रणनीति की घोषणा के लिए फिर एक बड़ी रैली करेंगे.

Highlightsतंवर पिछले पांच साल से ज्यादा समय से कांग्रेस की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष हैं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समर्थक लगातार उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं.

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पार्टी आलाकमान पर दबाव बनाने के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर की कुर्सी खतरे में पड़ गई है. तंवर पिछले पांच साल से ज्यादा समय से कांग्रेस की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष हैं और हुड्डा समर्थक लगातार उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं.

पार्टी की कमान संभालने के बाद तंवर के खाते में उपलब्धि कम और हार ज्यादा दर्ज हुई हैं. तंवर के नेतृत्व में कांग्रेस को हरियाणा में पहले लोकसभा, फिर विधानसभा, इसके बाद जींद उपचुनाव और हाल में फिर से लोकसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है. अगले दो महीने के भीतर हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में तंवर को हटाने की मांग और तेज हो गई है.

इस मुद्दे पर हुड्डा ने हाल में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है. हुड्डा समर्थकों को लगता है कि तंवर के नेतृत्व में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद नहीं है. हुड्डा ने रोहतक रैली में ऐलान किया था कि आगामी रणनीति तय करने के लिए वे एक समिति गठित करेंगे. समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद ही भविष्य का फैसला लेंगे. इस सिलिसले में लोगों की नब्ज टटोलने के इरादे से उन्होंने विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सरदार हरमहेंदर सिंह चट्ठा की अगुवाई में 33 सदस्यीय समिति गठित कर दी है.

समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद हुड्डा अपनी अगली रणनीति की घोषणा के लिए फिर एक बड़ी रैली करेंगे. रोहतक रैली में हुड्डा ने कहा था कि अब आर-पार की लड़ाई का समय आ गया है. उनकी इस धमकी को कांग्रेस छोड़ने का संकेत माना गया. यह भी कहा गया कि अगर कांग्रेस आलाकमान ने तंवर को नहीं हटाया तो वे कांग्रेस को अलविदा कह सकते हैं.

इस बीच तंवर का बयान आया कि हुड्डा कहीं नहीं जा रहे हैं और वे कांग्रेस में ही बने रहेंगे. इसके यह अर्थ लगाए गए कि कांग्रेस आलाकमान अभी हुड्डा को नाराज नहीं करना चाहता. कुमारी शैलजा को मिल सकती है कमान ऐसी उम्मीद है कि तंवर की अध्यक्ष पर से छुट्टी होने की सूरत में हरियाणा में पार्टी की बागडोर पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा के हाथों में दी जा सकती है. तंवर और शैलजा, दोनों ही अनुसूचित जाति से हैं. राज्य में जाटों के बाद अनुसूचित जाति के मतदाता दूसरे स्थान पर आते हैं. ऐसे में कांग्रेस आलाकमान अनुसूचित जाति के मतदाताओं को भी नाराज नहीं करना चाहेगा.

Web Title: Haryana: The pressure on the party high command of former CM Bhupendra Hooda, chair of Congress state president Dr. Ashok Tanwar in danger

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