हरियाणा सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2022 के अपने फैसले को किया रद्द, सार्वजनिक भूमि ग्राम पंचायतों को वापस करने का निर्देश

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 17, 2025 17:43 IST2025-09-17T17:42:47+5:302025-09-17T17:43:41+5:30

सात अप्रैल, 2022 को शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि पंजाब के एक कानून के तहत मालिकों से उनकी अनुमेय सीमा से अधिक ली गई भूमि के संबंध में, केवल प्रबंधन और नियंत्रण ही पंचायत के पास होगा, न कि स्वामित्व।

Haryana government Setback Supreme Court sets aside its April 2022 decision directing return public land to gram panchayats | हरियाणा सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2022 के अपने फैसले को किया रद्द, सार्वजनिक भूमि ग्राम पंचायतों को वापस करने का निर्देश

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Highlightsगैर-मालिकों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों आदि द्वारा भूमि का उपयोग शामिल है।प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई, न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने 2022 के फैसले को रद्द कर दिया।चकबंदी के दौरान साझा उद्देश्यों के लिए चिन्हित न की गई भूमि, पंचायत या राज्य के पास नहीं, बल्कि मालिकों के पास होगी।

नई दिल्लीः हरियाणा सरकार को झटका देते हुए, उच्चतम न्यायालय ने अप्रैल 2022 के अपने उस फैसले को रद्द कर दिया है जिसमें गांव की सार्वजनिक भूमि ग्राम पंचायतों को वापस करने का निर्देश दिया गया था। सात अप्रैल, 2022 को शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि पंजाब के एक कानून के तहत मालिकों से उनकी अनुमेय सीमा से अधिक ली गई भूमि के संबंध में, केवल प्रबंधन और नियंत्रण ही पंचायत के पास होगा, न कि स्वामित्व।

न्यायालय ने कहा था कि प्रबंधन और नियंत्रण में भूमि को पट्टे पर देना और गैर-मालिकों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों आदि द्वारा भूमि का उपयोग शामिल है, जो ग्राम समुदाय के लाभ के लिए है। अपने ही फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली याचिका को स्वीकार करते हुए, प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई, न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने 2022 के फैसले को रद्द कर दिया।

शीर्ष अदालत ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की 2003 की पूर्ण पीठ के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें कहा गया था कि चकबंदी के दौरान साझा उद्देश्यों के लिए चिन्हित न की गई भूमि, पंचायत या राज्य के पास नहीं, बल्कि मालिकों के पास होगी।

प्रधान न्यायाधीश ने मंगलवार को हरियाणा की अपील खारिज करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ के फैसले में कोई त्रुटि नहीं दिखती, क्योंकि इसमें उस कानून का पालन किया गया है जिसे 100 से अधिक फैसलों में लगातार लागू किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘परिणामस्वरूप, हमें राज्य की अपील में कोई दम नहीं दिखता। इसलिए इसे खारिज किया जाता है।’’ 

Web Title: Haryana government Setback Supreme Court sets aside its April 2022 decision directing return public land to gram panchayats

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