हरियाणाः भाजपा और जननायक जनता पार्टी में तकरार!, बीजेपी प्रभारी बिप्लव देब से मिले चार निर्दलीय विधायक, जानें क्या है गणित और किसके पास कितने एमएलए
By सतीश कुमार सिंह | Published: June 9, 2023 02:16 PM2023-06-09T14:16:56+5:302023-06-09T14:21:59+5:30
चार निर्दलीय विधायकों ने भाजपा प्रभारी बिप्लव देब से मुलाकात कर समर्थन देने की बात की। चर्चा है कि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता दुष्यंत चौटाला यदि समर्थन वापस लेते हैं तो भाजपा सरकार बचा लेगी।
नई दिल्लीः हरियाणा विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव 2024 में होंगे। हरियाणा में विधानसभा की 90 और लोकसभा की 10 सीटें हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) की गठबंधन सरकार यहां पर सत्ता है। इस बीच दोनों दल के बीच तकरार की खबर आ रही हैं।
हरियाणा में 2019 में चुनाव हुआ था और भाजपा ने 90 सीट में से 41 सीट पर कब्जा किया था और बहुमत के लिए 46 विधायक चाहिए। तब भाजपा नेतृत्व ने जेजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार चला रही है। जेजेपी के पास 10 विधायक हैं। जेजेपी के नेता दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था।
इस बीच चार निर्दलीय विधायकों ने भाजपा प्रभारी बिप्लव देब से मुलाकात कर समर्थन देने की बात की। चर्चा है कि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता दुष्यंत चौटाला यदि समर्थन वापस लेते हैं तो भाजपा सरकार बचा लेगी। 41 बीजेपी, 4 निर्दलीय और गोपाल कांडा को मिलाकर मनोहर लाल खट्टर सरकार पर आंच नहीं आएगी।
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब सत्तारूढ़ भाजपा और उसकी सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के बीच मतभेदों की खबर सामने आ रही है। देब ने एक बयान में कहा कि बैठक में हरियाणा के विधायक धर्मपाल गोंदर, राकेश दौलताबाद, रणधीर सिंह और सोमवीर सांगवान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विश्वास जताया।
भाजपा नेता ने कहा कि उनकी पार्टी 'डबल इंजन' सरकार के तहत राज्य की प्रगति के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। बहुमत हासिल करने में विफल रहने के बाद हरियाणा में सरकार बनाने के लिए 2019 में भाजपा ने जेजेपी से हाथ मिलाया था।
जेजेपी के नेता दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। हालांकि, दोनों दलों के नेताओं ने हाल ही में यह कहते हुए एक-दूसरे पर कटाक्ष किया कि जेजेपी ने भाजपा को समर्थन देकर कोई एहसान नहीं किया, क्योंकि क्षेत्रीय दल भी सरकार में शामिल हो गए हैं। दोनों दल इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि क्या वे 2024 के विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ेंगे।