चंडीगढ़, 15 मार्च हरियाणा विधानसभा ने सोमवार को एक प्रस्ताव पारित कर नेताओं के बहिष्कार के किसी भी प्रयास की निंदा की। केंद्र के कृषि कानूनों को लेकर कई गांवों में सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं के विरोध के बाद यह कदम उठाया गया।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा प्रस्ताव पेश करने के बाद कांग्रेस ने सदन का बहिष्कार किया।
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘अगर कोई संगठन या समाज का कोई तबका किसी भी दल के नेता के बहिष्कार की बात करता है तो यह सदन इसकी निंदा करने का प्रस्ताव रखता है।’’
प्रस्ताव में किसी राजनीतिक पार्टी या नेताओं का जिक्र नहीं है।
कांग्रेस के सदन से बहिर्गमन के बाद इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। वहीं विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इसे लाने की जरूरत नहीं थी क्योंकि कानून-व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है।
कांग्रेस द्वारा राज्य विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद यह प्रस्ताव लाया गया है।
मुख्यमंत्री खट्टर ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि भाजपा-जजपा नेताओं का बहिष्कार करने वालों का वह समर्थन कर रही है और किसानों को भड़का रही है।
खट्टर ने कांग्रेस विधायकों की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘आप लोकतंत्र के हत्यारे हैं, हम ऐसा नहीं होने देंगे।’’
हुड्डा ने आरोपों से इंकार किया और कहा, ‘‘सदन में अपनी पार्टी की तरफ से मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस का कोई सदस्य उन्हें नहीं भड़का रहा है। हम केवल उनकी मांगों का समर्थन कर रहे हैं।
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