हरियाणा विधानसभा चुनाव: नए चेहरों पर बीजेपी ने जताया भरोसा, दलबदलुओं को भी दिया टिकट, जानें कौन कहां से ठोकेगा ताल
By बलवंत तक्षक | Updated: October 2, 2019 08:55 IST2019-10-02T08:55:44+5:302019-10-02T08:55:44+5:30
भाजपा के दो केंद्रीय मंत्रियों से पंगा लेने के कारण खट्टर सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों को अपनी टिकट खोनी पड़ी हैं.

हरियाणा में 21 अक्टूबर को चुनाव होंगे और नतीजों की घोषणा 24 अक्टूबर को होगी.
हरियाणा विधानसभा चुनावों में भाजपा 35 नए चेहरों पर भरोसा कर मैदान में उतर रही है. दिल्ली में जारी की गई 78 उम्मीदवारों की सूची में 43 पुराने चेहरों पर दांव लगाया गया है. अभी 12 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा बाकी है. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 4 अक्तूबर है.
भाजपा के दो केंद्रीय मंत्रियों से पंगा लेने के कारण खट्टर सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों को अपनी टिकट खोनी पड़ी हैं. इनमें उद्योग मंत्री विपुल गोयल की टिकट जहां केंद्रीय सामाजिक अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुज्जर के विरोध के चलते काट दी गई है, वहीं लोकनिर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह को केंद्रीय सांख्यिकी राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने टिकट नहीं लेनी दी है. इंद्रजीत से विरोध के चलते ही विधानसभा की डिप्टी स्पीकर संतोष यादव को भी अपनी टिकट गंवानी पड़ गई है.
सोनीपत के सांसद रमेश कौशिक ने राई क्षेत्र से हरियाणा कृषि मंडी बोर्ड की चेयरपर्सन कृष्णा गहलवात की जगह अपने समर्थक मोहनलाल कौशिक को टिकट दिलवा दी है. मुख्यमंत्री खट्टर के खिलाफ मुखर रही इंद्रजीत समर्थक विधायक विमला चौधरी को पटौदी से टिकट नहीं दी गई है. इसी तरह मुख्यमंत्री के खिलाफ मानी जा रही विधायक संतोष चौहान सारवान को भी मुलाना से टिकट नहीं मिली.
नए चेहरे
पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए खिलाड़ी योगेश्वर दत्त को बरौदा, बबीता फोगट को दादरी और सरदार संदीप सिंह को पेहोवा से टिकट दिया गया है.
इसके साथ ही नरेंद्र गुप्ता को फरीदाबाद, मनीष यादव को बादशाहपुर, सीताराम यादव को अटेली, रवि तारणवाली को गुहला, कमलेश ढांडा को कलायत, वेदपाल को पूंडरी, राजवीर बराडा को मुलाना, सत्यप्रकाश जरावता को पटौदी, परवीन डागर को हथीन, मोक्षम चौधरी को पुन्हाना, सोहनपाल छौक्कर को पृथला, प्रदीप रातुसरिया को सिरसा, विनोद भ्याना को हांसी, लक्ष्मण नापा को रितया, तीर्थ सिंह राणा को गोहाना, आशा खेदड को उकलाना, आदित्य देवीलाल को डबवाली और झज्जर से राकेश कुमार को टिकट दिया गया है.
दल बदलुओं को टिकट
भाजपा ने दल बदलकर भाजपा में आए नगेंद्र भडाना को फरीदाबाद एनआईटी, नूंह से जाकिर हुसैन, नसीम अहमद को फिरोजपुर-झरिका, लीलाराम गुज्जर को कैथल,रामकुमार कश्यप को इंद्री, रणवीर गंगवा को नलवा, परिमंद्र ढुल को जुलाना, बच्चन सिंह आर्य को सफीदों, बलकौर सिंह को कलावांली, रामचंद्र कंबोज को रानिया और सतीश नांदल को गढी सांपला किलोई से किस्मत आजमाने का मौका दिया है.
हारे हुओं को फिर मिला मौका
पिछले चुनावों में हारे उम्मीदवारों में समालखा से शशिकांत कौशिक, ऐलनाबाद से पवन बेनीवाल, नरवाना से संतोष दनौदा, होडल से जगदीश नायर, तिगांव से राजेश नागर, बरवाला से सुरेंद्र पूनिया, लोहारू से जयप्रकाश दलाल, कलानौर से रामावतार वाल्मीकि और बेरी से विक्र म कादियान को भाजपा ने फिर से टिकट दे दिया है.
पुराने चेहरे
भाजपा पिछले चुनावों में जीते 43 विधायकों को फिर से आजमा रही है. इनमें करनाल से मनोहरलाल खट्टर, टोहाना से सुभाष बराला, जगाधरी से कंवरपाल गुज्जर, बदली से ओमप्रकाश धनखड़, महेंद्रगढ़ से रामिबलास शर्मा, नारनौंद से कैप्टन अभिमन्यु, रोहतक से मनीष ग्रोवर, बावल से डॉ. बनवारीलाल, हिसार से कमल गुप्ता, भिवानी से घनश्याम सर्राफ, नारनौल से ओमप्रकाश यादव, नांगल चौधरी से डॉ. अभय सिंह यादव को टिकट दिया गया है।
इसके अलावा इसराना के कृष्णलाल पंवार, सोनीपत के कविता जैन, जींद के कृष्ण मिड्ढा, उचाना कलां से प्रेमलता, शाहबाद से कृष्ण बेदी, थानेसर से सुभाष सुधा, नीलोखेड़ी से भगवानदास कबीरपंथी, सढौरा से बलवंत सिंह, घरौंडा से हरविंद्र कल्याण, असंध से बख्शीश सिंह विर्क, पानीपत ग्रामीण से महिपाल ढांडा, कालका से लतिका शर्मा, पंचकूला से ज्ञानचंद गुप्ता, अंबाला से अनिल विज, यमुनानगर से घनश्याम दास अरोड़ा, लाडवा से पवन सैनी, बहादुरगढ़ से नरेश कौशिक, बवानीखेड़ा से विश्वंभर वाल्मीकि, बल्ल्भगढ़ से मूलचंद शर्मा, बडखल से सीमा त्रिखा और दादरी से सुखिवंद्र सिंह मांढी को मैदान में उतारा गया है.
जहां टिकट बदले गए
इंद्री से जीते कर्णदेव कंबोज को रादौर और नूंह से हारे संजय को सोहना से टिकट दिया गया है.
जहां टिकट अभी घोषित होने हैं
नारायणगढ़, पानीपत ग्रामीण, गुरु ग्राम, कोसली और रेवाड़ी, इन पांचों सीटों पर भाजपा जीती थी. गन्नौर, आदमपुर, तोशाम, महम, पलवल और खरखौदा में भाजपा को कांग्रेस ने हरा दिया था, जबकि फतेहाबाद में भाजपा को इनेलो से मात खानी पड़ी थी.