हरियाणा विधानसभा चुनाव : आदमपुर 51 साल से भजनलाल परिवार के कब्जे में, पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल को भी यहां मिली थी हार

By बलवंत तक्षक | Updated: September 23, 2019 07:27 IST2019-09-23T07:27:09+5:302019-09-23T07:27:09+5:30

आदमपुर सीट से भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई को 1998, 2009 और 2014 के चुनावों में तीन बार कामयाबी मिली, जबकि 2011 के उप चुनाव में उनकी पुत्र वधू रेणुका बिश्नोई भी जीत का परचम फहरा चुकी हैं

Haryana Assembly Election: Adampur has been in the possession of Bhajan Lal family for 51 years | हरियाणा विधानसभा चुनाव : आदमपुर 51 साल से भजनलाल परिवार के कब्जे में, पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल को भी यहां मिली थी हार

हरियाणा विधानसभा चुनाव : आदमपुर 51 साल से भजनलाल परिवार के कब्जे में, पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल को भी यहां मिली थी हार

Highlightsतीन बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे भजनलाल ने पहली बार 1968 में कांग्रेस टिकट पर हिसार जिले के आदमपुर क्षेत्र से जीत दर्ज की थी.आदमपुर क्षेत्र से भजनलाल के नाम हरियाणा की राजनीति के सबसे कद्दावर नेता देवीलाल को हराने का रिकॉर्ड भी दर्ज है.

हरियाणा में आदमपुर एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र है, जहां पिछले 51 साल से पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल और उनके परिवार का कब्जा है. राजनीतिक परिस्थितियां कैसी भी क्यों न हों, लोगों ने हमेशा ही आंख मूंदकर भजनलाल और उनके परिवार के लोगों पर भरोसा किया है. लेकिन इस बार भजन लाल के बेटे और आदमपुर से मौजूदा कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई को आने वाले विधानसभा चुनावों में अपना गढ़ बचाने के लिए गंभीर चुनौती मिलती दिखाई दे रही है.

तीन बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे भजनलाल ने पहली बार 1968 में कांग्रेस टिकट पर हिसार जिले के आदमपुर क्षेत्र से जीत दर्ज की थी. आदमपुर से वे नौ बार विधायक चुने गए और कभी नहीं हारे. हालांकि, इस क्षेत्र से उन्होंने पार्टियां बदल कर भी चुनाव लड़े, लेकिन लोगों ने हर बार भजनलाल के प्रति अपना भरोसा जाहिर किया. विधानसभा चुनावों में सात बार (1968, 1972,1982, 1991, 1996, 2000 और 2005) वे कांग्रेस के टिकट पर जीते, जबकि 1977 में जनता पार्टी और 2008 के उप चुनाव में हरियाणा जनिहत कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की.

आदमपुर सीट से भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई को 1998, 2009 और 2014 के चुनावों में तीन बार कामयाबी मिली, जबकि 2011 के उप चुनाव में उनकी पुत्र वधू रेणुका बिश्नोई भी जीत का परचम फहरा चुकी हैं. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल की आंधी में हरियाणा में जब कांग्रेस की स्थिति खराब थी, 1987 के चुनाव में आदमपुर से भजनलाल की पत्नी जसमा देवी ने 10 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी. आदमपुर क्षेत्र से भजनलाल के नाम हरियाणा की राजनीति के सबसे कद्दावर नेता देवीलाल को हराने का रिकॉर्ड भी दर्ज है. भजनलाल देश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने 1980 में रातों-रात जनता पार्टी की सरकार को कांग्रेस सरकार में बदल दिया था.

अपना गढ़ बचा पाएगा भजनलाल का परिवार?
 भजनलाल परिवार को इस बार अपने इस गढ़ को बचा पाने में कामयाब मिलेगी या नहीं? यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि हाल के लोकसभा चुनावों में कुलदीप बिश्नोई के बेटे व कांग्रेस उम्मीदवार भव्य बिश्नोई न केवल हिसार लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह से हार गए, बल्कि आदमपुर क्षेत्र में भी वे उनके मुकाबले 23 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से पिछड़ गए. इस बीच भजनलाल के भतीजे दूड़ाराम बिश्नोई, जो हुड्डा सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रह चुके हैं, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं.

Web Title: Haryana Assembly Election: Adampur has been in the possession of Bhajan Lal family for 51 years

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