haryana assembly election 2019: कितने दिन विपक्ष के नेता पद पर रहेंगे भूपेंद्र सिंह हुड्डा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 7, 2019 07:45 IST2019-09-07T07:45:49+5:302019-09-07T07:45:49+5:30

इस महीने के तीसरे हफ्ते में विधानसभा चुनावों के लिए हरियाणा में लागू हो जाएगी आचार संहिता.

haryana assembly election 2019: how many days will the leader of opposition remain in the post of Bhupendra Singh Hooda | haryana assembly election 2019: कितने दिन विपक्ष के नेता पद पर रहेंगे भूपेंद्र सिंह हुड्डा

haryana assembly election 2019: कितने दिन विपक्ष के नेता पद पर रहेंगे भूपेंद्र सिंह हुड्डा

Highlightsक्तूबर में होने वाले चुनावों से पहले विधानसभा का कोई सत्न भी नहीं बुलाया जाएगा. पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता पद की जिम्मेदारी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के विधायक अभय सिंह चौटाला के पास थी

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्नी भूपेंद्र सिंह हुड्डा कितने दिन विपक्ष के नेता रहेंगे? हुड्डा जल्दी ही विधानसभा के अध्यक्ष स्पीकर कंवरपाल सिंह के सामने विपक्ष के नेता पद का दर्जा देने के लिए अपना दावा पेश करने वाले हैं.

इसके लिए हुड्डा को पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा और कांग्रेस विधायकों के समर्थन की चिट्ठी स्पीकर को देनी होगी. इसके बाद ही स्पीकर उनके प्रस्ताव पर विचार कर पाएंगे.  हुड्डा कितने दिन विपक्ष के नेता रहेंगे, यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि हरियाणा में आने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर जल्दी ही आचार संहिता लागू होने वाली है.

निर्वाचन आयोग की तरफ से सितंबर महीने के तीसरे हफ्ते में आचार संहिता लागू कर दी जाएगी. इस हिसाब से हुड्डा करीब 15 दिन ही विपक्ष के नेता पद पर रह पाएंगे. आचार संहिता लगने के बाद वे सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल ही में हुड्डा को हरियाणा कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाने का फैसला किया है. इससे पहले किरण चौधरी कांग्रेस विधायक दल की नेता थीं. किरण ने स्पीकर को विपक्ष के नेता पद का दर्जा देने की चिट्ठी दी थी, लेकिन अध्यक्ष रहते न अशोक तंवर ने स्पीकर को इस संबंध में कोई सहमति दी और न कांग्रेस विधायकों की तरफ से स्पीकर को ऐसा कोई पत्न दिया गया. ऐसे में किरण चौधरी के दावे पर स्पीकर ने गौर ही नहीं किया.

इससे पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता पद की जिम्मेदारी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के विधायक अभय सिंह चौटाला के पास थी, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला परिवार के दो फाड़ होने के बाद पार्टी में ऐसी भगदड़ मची कि इनेलो में 19 में से सिर्फ तीन विधायक रह गए. ऐसे में 17 विधायकों वाली कांग्रेस पार्टी का विपक्ष के नेता पद के लिए दावा बन गया.

हुड्डा के विपक्ष के नेता पद पर दावा पेश करने के बाद स्पीकर कब फैसला लेंगे, इसकी कोई समय सीमा भी निश्चित नहीं है. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि अक्तूबर में होने वाले चुनावों से पहले विधानसभा का कोई सत्न भी नहीं बुलाया जाएगा.

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