हरनाज संधू : 21 साल बाद फिर चला भारत के सौंदर्य का जादू, पंजाब की कुड़ी ‘‘फट्टे चक आई’’

By भाषा | Updated: December 19, 2021 10:32 IST2021-12-19T10:32:14+5:302021-12-19T10:32:14+5:30

Harnaaz Sandhu: After 21 years, India's beauty magic again, Punjab's kudi "Phatte Chak Aai" | हरनाज संधू : 21 साल बाद फिर चला भारत के सौंदर्य का जादू, पंजाब की कुड़ी ‘‘फट्टे चक आई’’

हरनाज संधू : 21 साल बाद फिर चला भारत के सौंदर्य का जादू, पंजाब की कुड़ी ‘‘फट्टे चक आई’’

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर करीब चार साल पहले चंडीगढ़ में रहनेवाली एक छरहरी सी लड़की अपने पूरे घर में खुशी से नाच रही थी क्योंकि उसके पिता ने उसे उसका मनपसंद काम करने की इजाजत दे दी थी। आज यह आलम है कि उस लड़की ने मिस यूनीवर्स का खिताब जीतकर पूरे देश को नाचने, झूमने और खुशियां मनाने की वजह दे दी है। यह बात है हरनाज कौर संधू की, जिन्होंने केवल चार बरस में पूरी कायनात अपने नाम कर ली।

खूबसूरती की दुनिया में वर्ष 2000 का एक खास महत्व है। इस साल भारत की लारा दत्ता ने मिस यूनीवर्स का खिताब जीता था और उसी साल तीन मार्च को पंजाब के गुरदासपुर जिले के बटाला में सरदार पी एस संधू और डॉ. रबीन्दर कौर संधू के यहां एक बेटी का जन्म हुआ था। बेटी को नाम दिया गया हरनाज। ठीक 21 बरस बाद 13 दिसंबर 2021 को हरनाज ने मिस यूनीवर्स प्रतियोगिता के 70वें संस्करण में जिस अंदाज से अपना और अपने भारत का नाम रौशन किया उससे देश के हर शख्स को उन पर गर्व है।

पूरी प्रतियोगिता के दौरान हरनाज का आत्मविश्वास और उनके चेहरे की मुस्कुराहट कभी कम नहीं हुई। उनके हावभाव और अपनी बात को पूरी मजबूती से पेश करने का अंदाज निर्णायकों को उनका मुरीद कर गया। अंतिम तीन प्रतियोगियों में जगह बनाने के बाद तीनों से एक ही सवाल पूछा गया और दूसरे नंबर पर जवाब देने आईं हरनाज के जवाब के बाद उनके विजेता बनने में कोई संदेह बाकी नहीं रहा। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच विजेता के ऐलान के वक्त जब ‘‘इंडिया’’ कहा गया तो मानो सारी कायनात पर भारत की खूबसूरती का जादू चल गया।

हरनाज के जन्म के बाद उनका परिवार चंडीगढ़ में बस गया। उनकी प्रारंभिक शिक्षा चंडीगढ़ के शिवालिक पब्लिक स्कूल से हुई और उन्होंने चंडीगढ़ के सरकारी गर्ल्स कॉलेज से सूचना प्रौद्योगिकी में स्नातक की उपाधि हासिल की।

हरनाज की मां ने बताया कि हरनाज पूरे खानदान में अकेली लड़की है और बहुत लाडली है। उन्होंने कहा कि 17 साल की उम्र में उसने अपने भाई और मां के सामने मॉडलिंग में अपना करियर बनाने की इच्छा जाहिर की तो उन दोनों ने इस बारे में पिता से इजाजत लेने की बात कही।

पिता पीएस संधू ने चार साल पहले के उस दिन को याद करते हुए भाषा से कहा कि वह इस बारे में ‘‘मुझसे पूछते हुए डर रही थी क्योंकि मुझे मेरे बच्चे एक कड़क पिता के रूप में देखते थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक दिन उसने मुझे अच्छे मूड में देखा तो इस बारे में पूछ लिया। मैंने भी यह सोचकर इजाजत दे दी कि अब वह जमाना नहीं रहा जब हम बच्चों को उनकी मर्जी का काम न करने दें। पर मुझे क्या पता था कि यह उसकी नहीं, बल्कि खुद सच्चे बादशाह की मर्जी थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझसे इजाजत लेने के बाद वह दौड़ती हुई अपनी मां के पास गई और खुशी से चिल्लाते हुए पूरे घर में भांगड़ा करने लगी। उस दिन के बाद उसने जहां भी अपना भाग्य आजमाया, सफलता ने उसके कदम चूमे और यह सिलसिला ‘मिस यूनीवर्स’ तक बना रहा।’’

हरनाज की मां डॉ. रबीन्दर कौर संधू ने कहा कि हरनाज स्कूल में पढ़ाई के साथ विभिन्न गतिविधियों में भी बहुत अच्छी थी और वह अपने धर्म के साथ-साथ सभी धर्मों का आदर करती है तथा घर में लगी ‘‘बाबाजी’’ की तस्वीर के सामने मत्था टेकना उसकी दिनचर्या का हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि वह बहुत हंसमुख और मृदुभाषी है तथा खूबसूरती की दुनिया में सफलता की सीढ़ियां चढ़ने के दौरान भी उसके कदम जमीन पर टिके रहे।

मिस यूनीवर्स बनने के बाद हरनाज ने इसे एक बड़ी जिम्मेदारी बताया और हरनाज की मां को भरोसा है कि उनकी बेटी इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाएगी।

बहन की सफलता से आह्लादित भाई हरनूर संधू ने कहा कि हरनाज को पंजाब की शेरनी और इंडिया की शान कहा जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने तो इतना कहा था कि चक्क दे फट्टे और वह फट्टे चक आई।

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